स्टीमर से यमुनापार करना बना मौत का सौदा, ओवरलोडिंग और नशे में धुत्त माझी कर रहे नदी पार करने वालों की जिंदगी से खिलवाड़

प्रयागराज : यमुनापार क्षेत्र के लालापुर थाना अंतर्गत ग्राम सभा प्रतापपुर में चल रहे स्टीमर अब स्थानीय लोगों के लिए मौत का सौदा साबित हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार स्टीमर चलाने वाले अधिकांश माझी शराब के नशे में धुत्त होकर नाव चलाते हैं और यात्रियों की जिंदगी से खुलेआम खिलवाड़ करते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि स्टीमर में क्षमता से कई गुना अधिक दोपहिया वाहन और लोग ठूंस-ठूंसकर बैठाए जाते हैं। स्थिति यह है कि अगर जरा-सी चूक हुई तो कभी भी भीषण हादसा हो सकता है और सैकड़ों लोग नदी की लहरों में समा सकते हैं। सूत्रों का खुलासा है कि इन स्टीमर पर यात्रियों से खुलेआम अवैध वसूली भी की जा रही है। हर दोपहिया वाहन से दस रुपए और हर आदमी से भी दस रुपए वसूला जाता है, जबकि सरकार पहले से ही स्टीमर संचालकों को भुगतान करती है। ग्रामीणों ने सवाल उठाया है कि जब सरकार पैसा दे रही है तो जनता को दोहरी मार क्यों झेलनी पड़ रही है—एक तरफ जान का खतरा और दूसरी तरफ जेब पर बोझ।स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की ढिलाई और मिलीभगत ने ही इन अवैध कामों को बढ़ावा दिया है। यही वजह है कि स्टीमर संचालक बेलगाम होकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिलाधिकारी मनीष वर्मा से अपील की है कि इस खतरनाक लापरवाही पर तुरंत संज्ञान लिया जाए। ग्रामीणों ने सुझाव दिया है कि अगर सक्षम अधिकारी बिना किसी पूर्व सूचना के आम सवारी बनकर स्टीमर पर बैठ जाएँ तो मिनटों में पूरी हकीकत सामने आ जाएगी—कैसे ओवरलोडिंग हो रही है, कैसे नशे में माझी नाव चला रहे हैं और किस तरह जनता से अवैध वसूली की जा रही है। इसके साथ ही ग्रामीणों ने यह भी बताया कि स्टीमर मनुष्य की सवारी के लिए हैं, लेकिन इन्हें जानवरों की तरह ठूंसकर भरा जाता है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि जब तक स्टीमर पूरी तरह से यात्रियों से नहीं भर जाता तब तक इन्हें चलाया नहीं जाता। चाहे किसी को तुरंत दवा लेनी हो, मरीज को अस्पताल ले जाना हो या अन्य जरूरी कार्य से कहीं पहुँचना हो—स्टीमर संचालकों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। कई बार पूरे दिन में केवल एक ही चक्कर लगाया जाता है।ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार से लेकर माझियों तक सभी पर कार्रवाई होनी चाहिए। अब यह समस्या विकराल रूप ले चुकी है और यदि समय रहते कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो कभी भी बड़ा हादसा प्रशासन की नाकामी साबित करेगा। अगर जिला प्रशासन ने अब भी आंखें मूँदी रहीं तो ये स्टीमर आने वाले दिनों में सचमुच मौत का सौदा साबित होंगे और निर्दोष लोगों की जान लेकर ही दम लेंगे।

रिपोर्टर : जाबिर

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