जानिए क्यों पीएम मोदी ने कहा था.. हमने सेना को पूरी छूट दे दी है।
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Adarsh kanoujia
14 फरवरी का दिन मुख्य तौर पर वैलेंटाइन डे के रूप में जाना जाता है लेकिन साल 2019 से यह दिन भारतीयों के लिए काला दिन साबित हुआ क्योंकि इस दिन को आतंकियों ने कायराना साजिश को अंजाम देने के लिए चुना था। घटना ऐसी थी की पूरा देश स्तब्ध हो गया, जन जन के मन में आक्रोश था। जगह जगह पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन किए जा रहे थे, लोग उस वक्त के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का पुतला फूंक रहे थे और भारत सरकार से पाकिस्तान के आतंकियों के खिलाफ मुंह तोड़ कार्यवाही करने की मांग कर रहे थे। तब से यह दिन ब्लैक डे के रूप में मनाया जाता है।
पढ़िए क्या हुआ था 14 फरवरी 2019 को
सीआरपीएफ का एक बड़ा काफिला जिसमें 60 से अधिक सैन्य वाहन और लगभग 2,547 सैनिक शामिल थे। जो अवंतीपोरा के गोरीपोरा इलाके से गुजर रहे थे। तभी विस्फोटकों से भरे एक कार ने टक्कर मार दी। इसके बाद जो विस्फोट हुआ वो इतना शक्तिशाली था कि कई किलोमीटर दूर तक आवाज सुनाई दी। इस हमले के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली।
देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ हुआ विरोध प्रदर्शन
पाकिस्तान में पल रहे आतंकियों की इस कायराना हरकत के बाद हर भारतीय के मन में आक्रोश था। कोई विरोध प्रदर्शन कर रहा था तो कोई चित्र कला और संगीत के माध्यम से नाराजगी जाहीर कर कहा था। जनता सरकार के निर्देश का इंतजार कर रही थी कि कब इस कायराना हरकत का जवाब आतंकवादियों को मिलेगा।
पीएम मोदी ने कहा शहादत व्यर्थ नहीं जाऐगी-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस वक्त झांसी में डिफ़ेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे उस दौरान उन्होंने पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए कहा कि सुरक्षाबलों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, सुरक्षाबलों को कार्रवाई के लिए इजाज़त दे दी गई है, पुलवामा हमले के गुनाहगार और साज़िशकर्ताओं को उनके किए की सज़ा ज़रूर मिलेगी. पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, "हमारा पड़ोसी देश आर्थिक बदहाली के बुरे दौर से गुज़र रहा है और विश्व में अलग-थलग कर उसकी हालत ख़राब कर दी गई है. बड़े-बड़े देश उससे दूरी बनाने लगे हैं. वह कटोरा लेकर के घूम रहा है."
पीएम मोदी को दिए गए कई ऑप्शन-
हमले के एक दिन बाद यानी 15 फरवरी को सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट कमेटी (CCS) की बैठक हुई, इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाकिस्तान से बदला लेने के लिए ऑप्शन दिए गए. उरी हमले के बाद भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला लिया था, लेकिन इस बार तय हुआ था कि किसी दूसरे तरीके से जवाब दिया जाएगा. लंबे मंथन के बाद एयरस्ट्राइक को फाइनल किया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से NSA अजित डोभाल को इस प्लान की जिम्मेदारी दी गई. अजित डोभाल और तत्कालीन वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने पूरे एक्शन का ब्लूप्रिंट तैयार किया. इसी दौरान तय हुआ कि बालाकोट में मौजूद जैश-ए- मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा.
भारत ने एयर स्ट्राईक कर लिया बदला-
भारत ने बदला लेने के लिए पाकिस्तान के बालाकोट स्ठित जैश के आतंकी कैंप पर महज 12 दिनों के अंदर हमला कर दिया। 26 फरवरी की रात करीब 3 बजे IAF(इंडियन ऐयर फोर्स) के 12 मिराज-2000 फाइटर जेट लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पार कर पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हुए और बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया. बाद में इसे बालाकोट एयर स्ट्राइक के नाम से जाना गया. सरकारी दावे के मुताबिक मिराज 2000 ने आतंकी ठिकानों पर करीब 1000 किलो के बम गिराए, जिसमें तकरीबन 300 आतंकी मारे गए. पाकिस्तान को भारत की इस कार्रवाई की भनक तक नहीं लगी थी।
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