पंजाब : एक मासूम की निर्मम हत्या और न्याय की गुहार

पंजाब : पंजाब के होशियारपुर में 5 साल के मासूम हरवीर की निर्मम हत्या ने पूरे राज्य को सदमे में डाल दिया है। इस जघन्य अपराध ने न केवल एक परिवार की खुशियों को उजाड़ दिया है, बल्कि प्रवासियों से जुड़े अपराधों और कानून व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यह घटना बताती है कि कैसे सिस्टम की लापरवाही एक मासूम की जिंदगी पर भारी पड़ सकती है।
अपराध की भयावहता और पृष्ठभूमि
रिपोर्टों के मुताबिक, हरवीर की हत्या बेहद क्रूरता से की गई। पहले उसके साथ बलात्कार किया गया और फिर उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाली गई, जिससे उसकी मौत हो गई। इस बर्बर कृत्य के आरोपी को सिर्फ 'प्रवासी' कहकर पेश करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसकी वास्तविक पहचान और आपराधिक इतिहास को सार्वजनिक करना ज़रूरी है।
हरवीर के परिवार का कहना है कि आरोपी कई दिनों से उनके घर के बाहर घूम रहा था और हरवीर से दोस्ती करने की कोशिश कर रहा था। एक दिन पहले भी उसने हरवीर को किडनैप करने की कोशिश की थी, लेकिन हरवीर की बहन ने उसे बचा लिया। यह दिखाता है कि यह एक सोची-समझी साजिश थी, जिसके बारे में परिवार पहले से ही आशंकित था।
सिस्टम की विफलता: लापरवाही का नतीजा
इस मामले में एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि आरोपी पर पहले भी रेप का केस दर्ज था। हैरानी की बात यह है कि ऐसा व्यक्ति एक शेल्टर होम में काम कर रहा था। अगर शेल्टर होम में काम पर रखने से पहले उसका बैकग्राउंड चेक ठीक से किया गया होता, तो शायद यह घटना रोकी जा सकती थी। यह सिर्फ एक व्यक्ति की गलती नहीं, बल्कि उस पूरे सिस्टम की नाकामी है जो अपराधियों को खुलेआम घूमने और दोबारा अपराध करने का मौका देता है।
न्याय की मांग और सामूहिक जिम्मेदारी
पीड़ित परिवार और समाज की प्रमुख मांग है कि अपराधी की पहचान को पूरी तरह उजागर किया जाए और उसे सख्त से सख्त सजा दी जाए। इस मामले को सिर्फ 'प्रवासी' के रूप में वर्गीकृत कर दबाने का प्रयास नहीं होना चाहिए। यह सिर्फ एक बच्चे की मौत का मामला नहीं है, बल्कि उस छोटी बहन के आजीवन सदमे का भी सवाल है, जिसने अपनी आँखों के सामने अपने भाई को खोया।
यह घटना हम सभी के लिए एक चेतावनी है। हमें अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होकर आवाज उठानी होगी। अगर हम आज चुप रहे, तो कल किसी और का बच्चा इसका शिकार हो सकता है।
सरकार और संबंधित अधिकारियों से अनुरोध है कि:
* अपराधी की पहचान सार्वजनिक की जाए: उसकी वास्तविक पहचान और आपराधिक पृष्ठभूमि की गहन जांच हो और इसे सार्वजनिक किया जाए।
* जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई हो: शेल्टर होम के उन अधिकारियों पर कार्रवाई हो जिन्होंने आरोपी के आपराधिक रिकॉर्ड की अनदेखी करते हुए उसे काम पर रखा।
* प्रवासियों के सत्यापन को सख्त बनाया जाए: प्रवासियों के लिए सत्यापन प्रक्रिया को और सख्त किया जाए, ताकि अपराधी राज्य में प्रवेश न कर सकें।
* कड़ी सजा सुनिश्चित हो: ऐसे जघन्य अपराधों के लिए अपराधियों को सख्त और त्वरित सजा मिले, ताकि भविष्य में कोई ऐसी घटना करने की हिम्मत न करे। यह समय है कि हम सब मिलकर अपने बच्चों के लिए एक सुरक्षित समाज का निर्माण करें और यह सुनिश्चित करें कि हरवीर को न्याय मिले।
रिपोर्टर : विकास निर्वाण
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