सिर्फ काटने से नहीं, खरोंच से भी हो सकता है रेबीज

रेबीज (कुत्ते का पागलपन) एक गंभीर और जानलेवा वायरस से होने वाली बीमारी है, जो मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों, खासकर कुत्तों से फैलती है। आम धारणा है कि केवल काटने से ही रेबीज फैलता है, लेकिन असल में सिर्फ खरोंच लगना भी खतरा पैदा कर सकता है। पालतू कुत्तों के माध्यम से यह बीमारी घर तक आ सकती है, इसलिए जागरूक होना बहुत जरूरी है।

रेबीज क्या है?

रेबीज एक वायरल बीमारी है जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है और यदि समय पर इलाज न मिले तो मौत तक हो सकती है। यह वायरस संक्रमित पशु के लार से शरीर में प्रवेश करता है।

कैसे फैलती है रेबीज?

काटने के अलावा, संक्रमित जानवर की लार द्वारा खरोंच लगना, या खुले घाव से संपर्क होना भी खतरनाक हो सकता है।
संक्रमित कुत्ते, बिल्ली या अन्य जीवाणु संक्रमित हो सकते हैं।
कभी-कभी, संक्रमित जानवर के नाखूनों पर वायरस रह सकता है, जो खरोंच लगने पर शरीर में प्रवेश कर सकता है।

पालतू कुत्ते और खतरा:

यदि पालतू कुत्ते का टीकाकरण नियमित नहीं होता, तो वे भी रेबीज के वाहक बन सकते हैं।
अनियंत्रित या सड़क पर घूमने वाले कुत्ते खतरनाक हो सकते हैं।
कुत्तों के साथ खेलने या उनकी देखभाल करते समय सावधानी रखें, खासकर जब वे घायल हों या अस्वस्थ लगें।

कैसे बचाव करें?

पालतू जानवरों का नियमित टीकाकरण करवाएं।
संक्रमित या संदिग्ध कुत्तों से दूरी बनाए रखें।
यदि खरोंच या काटने लग जाए, तुरंत साफ करें और डॉक्टर से संपर्क करें।
बच्चों को कुत्तों के साथ सावधानी से व्यवहार करना सिखाएं।
खुले घाव को तुरंत बांधें और सैनिटाइज करें।

रेबीज एक गंभीर बीमारी है लेकिन उचित सावधानी और समय पर टीकाकरण से इसे रोका जा सकता है। सिर्फ काटने से नहीं, बल्कि खरोंच से भी यह संक्रमण फैल सकता है, इसलिए पालतू कुत्तों के साथ सतर्क रहना बेहद आवश्यक है।

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