श्रावण मास में शिव उपासना से मिलती है अनंतानंत शक्ति-आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्रा

राघोपुर : इस बार श्रावण मास शुक्ल प्रतिपदा दिनांक –11 जुलाई से शुभारंभ हो रहा है । इसवार की श्रावण की विशेषता यह है कि सिद्धि योग सेश्रावण की शुरुआत हो रही है।इस बार के श्रावण मास में चार सोमवार का योग है । यह कहना है गोसपुर ग्राम निवासी मैथिल पंडित आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र का। उन्होंने श्रावण मास के महत्व एवं श्रावण मास में होने वाले सभी पूजा एवं सोमवारी व्रत के बारे में बताते हुए कहा कि,पहला सोमवार 14 जुलाई को है। प्रथम सोमवारी व्रत अमृत योग एवं शिववास के साथ है, जो विशेष फलदायक होगा।दूसरा सोमवारी व्रत 21 जुलाई को सिद्ध योग में सोमवारी व्रत के साथ सम्पन्न होगा।तीसरा सोमवारी व्रत 2 अगस्त 28 जुलाई को अमृत योग सोमवारी व्रत के साथ रहेगा एवं चौथा सोमवारी व्रत जो अंतिम सोमवारी होगी वह 4 अगस्त को एक साथ तीन तीन योग अमृत योग, सिद्धियोग एवं सर्वार्थ सिद्धि योग तीन-तीन योगो के साथ विश्राम होगा सोमवारी व्रत का।

विशेष – इसवार नव विवाहित महिलाओं का विशेष पर्व मधुश्रावणी दिनांक – 15 जुलाई दिन मंगलवार को आरंभ होगी तथा 27 जुलाई को मधुश्रावणी व्रत का विश्राम होगा। इसी दिन स्वर्ण गौरी व्रत महिलाओं के लिए होगी।जिस दिन मधुश्रावणी व्रत होगी उसी दिन मोना पंचमी नाग पंचमी मनसा देवी का पूजन इत्यादि भी शुरू होगा। दिनांक 25 जुलाई से झूलन की भी शुरुआत होगी तथा अगले दिन यानि दिनांक 26 जुलाई 2025 को धर्मसम्राट स्वामी करपात्री जी का जयंती भी मनाया जाता है। इस बार भाई बहनों के प्रेम के प्रतीक का महापर्व रक्षाबंधन दिनांक 9 अगस्त को होगा। भाई बहन के प्रेम का प्रतीक का पर्व रक्षाबंधन श्रावणी पूर्णिमा को संपन्न होगा और इसी के साथ श्रावण मास विश्राम हो जाएगा।

रिपोर्टर : ललन कुमार झा

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