राहुल गांधी के जन्मदिन पर युवाओं को साधने पर होगी नजर...

राहुल गांधी के बर्थडे 19 जून को बेहद खास इवेंट बनाने की कोशिश है, लेकिन असली मकसद आने वाले चुनावों में युवाओं को कांग्रेस से जोड़ना है. और, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी की केंद्र सरकार को घेरना. राहुल गांधी तो पहले से ही युवा न्याय कार्यक्रम चला रहे हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के मेनिफेस्टो में भी युवाओं को पहली पक्की नौकरी देने का वादा किया गया था. अब लगता है वही सिलसिला आने वाले चुनावों में भी जारी रखने की कोशिश है, लेकिन तरीका बदल दिया गया है. सिर्फ वादा नहीं, प्रस्तावित कार्यक्रम की झांकी दिखाने की भी कोशिश की गई है. ये मेला कांग्रेस के चुनावी वादे की गंभीरता जताने का एक तरीका भी हो सकता है. दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में लगने वाले रोजगार मेले में कुछ युवाओं को ऑफर लेटर दिये जाने की भी संभावना जताई जा रही है. बेरोजगारी के मुद्दे पर फोकस कांग्रेस का ये कैंपेन वोट दिलाने की गारंटी भले न दे पाये, लेकिन पब्लिसिटी के लिए तो अच्छा ही तरीका है. कुछ हद तक कारगर भी हो सकता है. राहुल गांधी के भाषणों अक्सर ‘2 करोड़ नौकरी’ का जिक्र देखने को मिलता है, जो सीधे सीधे मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश होती है. मोदी और बीजेपी को रोजगार के मुद्दे पर लगातार घेरने के साथ ही, राहुल गांधी देश भर में घूम घूम कर युवाओं के साथ संवाद भी करते हैं. 

19 जून का कार्यक्रम-

यूथ कांग्रेस की तरफ से अप्रैल, 2025 में जयपुर में भी रोजगार मेला लगाया जा चुका है - और आने वाले चुनावों से पहले राहुल गांधी के जन्मदिन पर दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में लगाया जा रहा है.  भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष उदय भानु चिब के मुताबिक, करीब आठ घंटे तक चलने वाले रोजगार मेले में 12वीं पास युवाओं से लेकर पीएचडी तक पढ़ाई कर चुके बेरोजगार युवाओं को बुलाया गया है. रोजगार मेले में जेप्टो, एयरटेल, ब्लिंकिट, टाटा, एचडीएफसी बैंक, फ्लिपकार्ट, महिंद्रा और एक्सिस बैंक सहित 100 से ज्यादा कंपनियां हिस्सा ले रही हैं. और, ये कंपनियां युवाओँ के लिए अवसर लेकर आएंगे, जिनके पास करीब 5000 वैकेंसी हो सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, नौकरी चाहने वाले 10 हजार युवाओं ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा रखा है, और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी करीब 8 हजार हो चुके हैं. रोजगार मेले में वॉक-इन इंटरव्यू का मौका तो होगा ही, कुछ युवाओं को मौके पर ही ऑफर लेटर भी दिये जाने की अपेक्षा जताई गई है. दिल्ली के बाद ऐसे रोजगार मेले देशभर में आयोजित करने की तैयारी चल रही है, ताकि आने वाले चुनावों में युवाओं से जुड़ने का माध्यम बन सके. बताते हैं, राहुल गांधी के जन्मदिन को खास बनाने के लिए रोजगार मेले में सचिन पायलट, इमरान प्रतापगढ़ी और कन्हैया कुमार जैसे युवा चेहरे भी मौजूद रहेंगे.

युवा बेरोजगार वोटर पर कांग्रेस की नजर-

दिल्ली के बाद कांग्रेस बिहार में भी चुनाव से पहले ऐसा रोजगार मेला लगाने की तैयारी कर रही है और उसके बाद कम से बिहार चुनाव को देखते हुए रोजगार और पलायन के मुद्दे पर कांग्रेस ने यात्रा भी निकाली थी. यात्रा का नेतृत्व कन्हैया कुमार कर रहे थे. और, कन्हैया कुमार को सपोर्ट करने के लिए बेगूसराय जाकर राहुल गांधी यात्रा में शामिल भी हुए थे. बेगूसराय से पटना पहुंचने के बाद यात्रा तो जैसे सीन से ही गायब हो गई. बाद में राहुल गांधी दरभंगा भी पहुंचे थे. दलित और ओबीसी छात्रों से संवाद करने. राहुल गांधी तो हॉस्टल में छात्रों से संवाद करना चाहते थे, लेकिन अनुमति नहीं मिल पाई थी. फिर भी जितना संभव हो सका, राजनीति फायदा उठाने का प्रयास तो हुआ ही. चुनावी राज्यों में कांग्रेस की कोशिश कम से कम ऐसे 10 रोजगार मेले आयोजित करने की है. बिहार के बाद 2026 और 2027 में पश्चिम बंगाल, केरल, असम, तमिलनाडु, पुद्दुचेरी, गोवा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. 

युवा न्याय का हिस्सा है-

कांग्रेस की कोशिश हर हाल में युवा वोटर से जुड़ने की है. नौकरी के मौके दिये जाने के अलावा रोजगार मेले में रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य शिविर और जातीय जनगणना पर सेमिनार का भी आयोजन होना है. काफी दिनों से राहुल गांधी के भाषण और रैलियों में रोजगार और जाति जनगणना पर खास जोर देखने को मिला है - और रोजगार मेला उसे के एक व्यावहारिक स्वरूप के तौर पर सामने आया है.

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