ऊंचाहार ब्लॉक में विकास कार्यों पर भ्रष्टाचार का साया।

 

 रायबरेली : विकास कार्यों में पारदर्शिता की बात करने वाला प्रशासन खुद अनियमितताओं के जाल में फंसा नजर आ रहा है। ब्लॉक क्षेत्र में चल रही विभिन्न योजनाओं में धांधली के आरोप लगातार सामने आ रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी संदेह पैदा कर रही है। मनरेगा योजना के तहत मजदूरी भुगतान में गड़बड़ी, चौदहवें वित्त के तहत आवंटित की गई धनराशि में अनियमितता और हैंडपंप रिबोर कार्यों में फर्जीवाड़े की बाते लगातार सुनने को मिल रही है। कई योजनाओं के तहत कागजों में काम पूरा दिखाया जा रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। संबंधित विभाग के अधिकारियों से लेकर ब्लॉक स्तर के जिम्मेदार तक इस पर कोई ठोस जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं। वही सूत्रों की माने तो अगर निष्पक्ष जांच कराई जाए तो कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। विकास कार्यों में लगातार हो रही अनियमितताओं के बावजूद अब तक किसी ठोस कार्रवाई का न होना प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है। स्थानीय स्तर पर इस मामले को लेकर कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन हर बार जांच के नाम पर खानापूर्ति कर फाइलें दबा दी जाती हैं। ऊंचाहार क्षेत्र के विकास कार्यों में सुधार और पारदर्शिता लाने के लिए आवश्यक है कि इन मामलों की गहराई से जांच की जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो। वरना, सरकारी योजनाएं केवल कागजों तक सीमित रह जाएंगी और जनता के हक का पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता रहेगा।

 

 

रिपोर्ट : आशीष मौर्य

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