सार्वजनिक मंच से संविधान द्वारा प्रतिबंधित शब्द का उपयोग, समाज में आक्रोश
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रायगढ़- घरघोड़ा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा द्वारा सार्वजनिक मंच से संबोधन के दौरान संविधान द्वारा प्रतिबंधित "हरिजन" शब्द का प्रयोग करने पर अनुसूचित जाति वर्ग, विशेषकर सतनामी समाज में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है। इस मामले को लेकर समाज के प्रतिनिधियों ने थाना प्रभारी, घरघोड़ा को आवेदन सौंपते हुए एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिनांक 21 फरवरी 2025 को ग्राम बैहामुड़ा (घरघोड़ा) में एक सभा को संबोधित करते हुए श्री शर्मा ने संविधान द्वारा प्रतिबंधित शब्द का प्रयोग किया। अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 एवं भारत सरकार की 28 मार्च 2008 की अधिसूचना के अनुसार, सरकारी दस्तावेजों एवं सार्वजनिक मंचों पर इस शब्द के उपयोग पर स्पष्ट रूप से प्रतिबंध लगाया गया है, क्योंकि यह अनुसूचित जाति वर्ग की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला एवं अपमानजनक माना जाता है।
सतनामी समाज के नेताओं ने इस कृत्य को गैरकानूनी और समाज को बांटने वाला करार दिया है। उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि द्वारा इस तरह की असंवैधानिक भाषा का प्रयोग निंदनीय है और इससे समाज में वर्ग संघर्ष एवं वैमनस्यता को बढ़ावा मिल सकता है।
प्रकरण को लेकर सतनामी समाज, ब्लॉक इकाई, घरघोड़ा द्वारा थाना प्रभारी को सौंपे गए आवेदन में शिव कुमार शर्मा के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत कठोरतम कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।
समाज के प्रतिनिधियों ने प्रमाण स्वरूप संबोधन का वीडियो साक्ष्य भी प्रस्तुत किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
फिलहाल, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और संबंधित कानूनी पहलुओं पर विचार कर रही है।
रिपोर्टर - सुनील जोल्हे
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