रेत की अवैध डंपिंग पर क्यों नहीं हो रही कार्यवाही

लैलूंगा : में रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि वे नदियों की छाती चीरकर अवैध खनन कर रहे हैं और प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है। शहर से लेकर गांवों तक अवैध डंपिंग एरिया बना दिए गए हैं, जहां माफिया अपनी मनमानी कीमत पर रेत बेच रहे हैं।

ओडिशा से लाकर हो रही अवैध रेत बिक्री
सूत्रों के अनुसार, ओडिशा से बड़ी मात्रा में रेत लाकर छत्तीसगढ़ में बेची जा रही है। गैर स्वीकृत घाटों पर पोकलेन मशीनों से खुदाई हो रही है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। खनिज विभाग और प्रशासन को इस अवैध कारोबार की पूरी जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है।

प्रशासन की नाक के नीचे हो रही लूट
कुछ घाटों पर तो माफिया इतने बेखौफ हो चुके हैं कि वे दिनदहाड़े ट्रकों में भरकर रेत ले जा रहे हैं और प्रशासनिक अफसर आँख मूंदे बैठे हैं। क्या प्रशासन को इसका कोई अंदाजा नहीं, या फिर माफियाओं की मिलीभगत से यह गोरखधंधा चल रहा है?

सरकार कब करेगी ठोस कार्रवाई? सरकार को इस मामले में सख्ती से कदम उठाने की जरूरत है।अवैध रेत खनन और डंपिंग की निगरानी हो,गैर स्वीकृत घाटों पर तत्काल रोक लगे, प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका की जांच हो रेत माफियाओं पर कड़ी कानूनी कार्रवाई हो अगर जल्द ही इस पर लगाम नहीं लगाई गई तो नदियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा और सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान होता रहेगा। प्रशासन को अपनी आंखें खोलनी होंगी, वरना जनता को सड़कों पर उतरना पड़ेगा।

रिपोर्टर सतीश चौहान

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