कमरगा पंचायत में सचिव सेमलाल लकड़ा की मनमानी! सामुदायिक भवन में 5 साल से बंट रहा राशन, जनता परेशान – कार्यवाही की उठी मांग

लैलूंगा : ग्राम पंचायत कमरगा के ग्रामीणों में सचिव सेमलाल लकड़ा की कार्यप्रणाली को लेकर भारी असंतोष व्याप्त है। जनता और पंचगण लगातार आरोप लगा रहे हैं कि पंचायत सचिव न तो मुख्यालय में निवास करता है, और न ही नियमों के अनुरूप पंचायत कार्यों का संचालन करता है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि बीते पाँच वर्षों से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) का चावल पंचायत के सामुदायिक भवन में वितरित किया जा रहा है, जबकि इसके लिए अलग से बने पीडीएस भवन को सचिव जानबूझकर अनुपयोगी बनाए हुए है।

ग्रामीणों का कहना है कि सामुदायिक भवन गांव की अनेक सामाजिक गतिविधियों, महिला समूह की बैठकें, प्रशिक्षण, स्वास्थ्य शिविर आदि के लिए निर्मित हुआ था, लेकिन सचिव ने इसे 'चावल गोदाम' बना दिया है। हर महीने चावल वितरण के दौरान वहां भारी भीड़, गंदगी और अव्यवस्था फैल जाती है। बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यांगों को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ता है। कई बार बारिश के मौसम में पानी बहता है और चावल भीग जाते हैं।

जनता बोली – बने भवन का उपयोग क्यों नहीं हो रहा?
ग्रामवासियों ने सवाल उठाया है कि जब पंचायत में पी.डी.एस. भवन बना हुआ है, तो फिर राशन वितरण उसी भवन से क्यों नहीं किया जा रहा? ग्रामीणों ने यह मुद्दा कई बार ग्राम सभा और जनदर्शन में भी उठाया, पर सचिव सेमलाल लकड़ा हर बार अनसुना कर देता है।

पंचगण भी कर चुके हैं विरोध
पंचायत के चुने हुए पंचगण भी कई बार इस मनमानी का विरोध कर चुके हैं, पर सचिव पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। आरोप है कि सचिव पंचायत के निर्माण कार्यों में भी अपनी मनमानी करता है – न तो जनप्रतिनिधियों से सलाह करता है, न ही प्रस्ताव पारित कराता है। निर्माण कार्यों में गुणवत्ता और पारदर्शिता का अभाव स्पष्ट दिखाई देता है।

मुख्यालय में निवास नहीं करता सचिव
एक अन्य गंभीर आरोप यह है कि सचिव सेमलाल लकड़ा का मुख्यालय में कोई ठिकाना नहीं है। वह पंचायत क्षेत्र से बाहर रहकर कार्यालयीन कार्य करता है। इससे आम जनता को हर छोटे-बड़े काम के लिए या तो कई बार आना पड़ता है, या फिर कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है।

जनता ने की तत्काल जांच की मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि सचिव की कार्यप्रणाली की तत्काल जांच करवाई जाए और यदि वह दोषी पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कड़ी प्रशासनिक कार्यवाही की जाए। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि यदि जल्द कार्यवाही नहीं हुई, तो वे जनआंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

क्या बोले जिम्मेदार?
स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि पंचायत सचिव की मनमानी अब बर्दाश्त से बाहर हो गई है। पीडीएस भवन को जानबूझकर अनुपयोगी बनाना न सिर्फ सरकारी संपत्ति की बर्बादी है, बल्कि आम नागरिकों के अधिकारों का भी उल्लंघन है।

ग्रामीणों की इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन को चाहिए कि मामले की निष्पक्ष जांच कर जल्द से जल्द सचिव सेमलाल लकड़ा के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं, ताकि ग्राम पंचायत कमरगा में फिर से पारदर्शी और जनहितकारी प्रशासन स्थापित हो सके।

रिपोर्टर : सतीश

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