कलोटे-विनेगांव और तासगांव आदिवासी वाड़ी में आदि कर्मयोगी अभियान का शुभारंभ किया।

रायगढ़ : आदिवासी भाइयों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने और उन्हें आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनाने के लिए केंद्र सरकार ने 'धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान' के अंतर्गत आदि कर्मयोगी उत्तरदायी शासन नामक एक राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम शुरू किया है। यह महत्वाकांक्षी कार्यक्रम रायगढ़ जिले के 14 तालुकाओं के 113 गांवों में लागू किया जाएगा। इसके फलस्वरूप, जिले में आदि कर्मयोगी उत्तरदायी शासन कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है और आज रायगढ़ जिले के आदिवासी खेड़ा में विकास की एक नई सुबह हुई है। इस आदि कर्मयोगी अभियान का शुभारंभ (17 सितंबर को) खालापुर तालुका के कलोटे-विनेगांव कटलाची वाडी और माणगांव तालुका के तासगांव आदिवासी वाडी में जिला कलेक्टर किशन जावले द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य कार्यकारी अधिकारी नेहा भोसले, परियोजना अधिकारी आत्माराम धाबे, उप-विभागीय अधिकारी माणगांव संदीपन सानप, सानप, तहसीलदार श्री काले, समूह विकास अधिकारी श्री शुभदा पाटिल, खालापुर तालुका के तहसीलदार अभय चव्हाण, निवासी उप तहसीलदार सुधाकर राठौड़ सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी, ब्लॉक मास्टर ट्रेनर और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

इस अवसर पर जिला कलेक्टर श्री जावले ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान, राजस्व विभाग के राजस्व अभियान और ग्रामीण विकास विभाग के मुख्यमंत्री पंचायत राज अभियान का उद्देश्य जमीनी स्तर पर आदिवासी भाइयों को सशक्त बनाना और गांवों का सर्वांगीण विकास करने के साथ-साथ सभी सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। उन्होंने उपस्थित लोगों से विकास की यात्रा में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील भी की। इस कार्यक्रम के दौरान, ज़िला कलेक्टर श्री जावले द्वारा धरती आबा योजना के अंतर्गत प्रमाण पत्र वितरित किए गए। इस दौरान ग्रामीणों के चेहरों पर संतुष्टि और खुशी साफ़ दिखाई दे रही थी। आदिवासी समुदाय को विकास की धारा में शामिल करने वाले इस अभियान ने गाँव में आशा और विश्वास की एक नई ऊर्जा का संचार किया है।

कार्यक्रम का परिचय परियोजना अधिकारी आत्माराम धाबे ने दिया। सहायक परियोजना अधिकारी श्री तेजस्विनी गलांडे ने ग्राम विकास योजना तैयार करने में मार्गदर्शन किया।

रिपोर्टर : प्रवीण लाहे 

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