अवैध वसूली का लगा रहे ग्रामीण आरोप

धरमजयगढ़ : सरकार एक तरफ गरीब मजदूर किसानों के लिए ग्राम पंचायत विकास के लिए हर तरह के योजनाओं को लागू कर रही है। वही दुसरी ओर सरकार के ही अधिकारी कर्मचारी ग्राम पंचायत सचिउ द्वारा योजना का आड़ लेकर गरीब मजदूर किसानों से अवैध वसूली करते नजर आ रहे हैं। ऐसा ही मामला जनपद पाँचायत धरमजयगढ़ के ग्राम पाँचायत चरखापारा से एक दुखद चिंताजनक मामला उजागर हुआ है। जहां गांव के भूमिहीन मजदूर-किसानों ने पाँचायत सचिव विजय पैंकरा पर गंभीर आरोप लगाते हुए ग्रामीण ने बताया है कि शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर ग्रामीणो से अवैध वसूली की जा रही है।

ग्रामीणो का कहना हैं भूमिहीन योजना के अंतर्गत लाभ दिलाने के नाम पर प्रति व्यक्ति से 1000 रुपए और मकान टैक्स के नाम पर 900 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। इतना ही नहीं, वसूली की रकम का तत्काल रसीद भी नहीं दिया गया। भूमिहीन मजदूर मुल्कीबाई ने खुलासा किया कि सचिव ने उनसे कुल 1900 रुपए लिए, जिसमें भूमिहीन योजना और मकान टैक्स दोनों की राशि शामिल थी।
वहीं आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया कि इस योजना में मुख्यतः बसोड़ जाति के गरीब परिवार शामिल हैं, जो बांस से बनी वस्तुएँ - सुपा, बिजबोनी और अन्य सामान बनाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। शासन की मंशा इन मजदूर किसानों को सहारा देने की है, लेकिन।यदि योजनाओं के नाम पर ही उनकी जेबें काटी जाएं तो यह सवाल उठना लाज़िमी है कि आखिर पंचायत सचिव का उद्देश्य विकास है या गरीबों का शोषण?

वहीं जब इस संबंध में सचिव विजय पैंकरा से पूछताछ की गई तो उन्होंने गोलमोल जवाब देते हुए कहा – “ऐसा कुछ नहीं है, यह जांच का विषय है।"

लेकिन अब देखना होगा कि इस खुलासे के बाद उच्च अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेते हैं या फिर गरीबों की आहें अनसुनी रह जाती हैं। छिपाते नहीं झापते हैं

 रिपोर्टर : लीलाम्बर यादव 
 

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