जंगल सफारी में चल रहा है गुंडा राज, डीएफओ और रेंजर की दादागिरी सामने आयी

रायपुर - छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर में बने जंगल सफारी जो नवा रायपुर में स्थापित है, जहां पर प्रतिदिन हजारों के तादात में पर्यटक घुमने आते है, वहीं डिवीजन आफिस में 17 वर्षों से कार्यरत कर्मचारी सतिश वर्मा को रेंजर और पुलिस प्रशासन ने खुब मारा है। दरअसल मामला यह है कि जंगल सफारी में विगत 17 वर्षों से कार्य करने वाले कर्मचारी सतिश वर्मा जो बहुत ही सीधे व सरल स्वभाव के है जो कार्यालय में लंबे समय से कार्यरत हैं। पुराने अधिकारियों ने बताया कि सतिश वर्मा का व्यवहार बहुत ही अच्छा है सीधे साधे है! प्राप्त जानकारी के अनुसार जंगल सफारी में रेंजर के पद पर पदस्थ डिप्टी रेंजर विजय पाटिल के आने से जंगल सफारी का दुरगती हो रही है, डिप्टी रेंजर विजय पाटिल अपने सगे संबंधियों मंत्री का धौंस दिखाते है उनके रहते मेरा कोई बाल बाका नही कर सकता करके जंगल सफारी को पुरे दहसत में रखे हुए हैं।
सतिश वर्मा को पुलिस थाना राखी में ले जाकर खुब मरवाये है जो सरासर अन्याय है, पुलिस प्रशासन को अनावश्यक मारपीट नही करना चाहिये।
जंगल सफारी के डीएफओ ने अपने हि अधिनस्थ कर्मचारी को जिस तरह से मरवाया है मानों जातिगत दुशमनी है, इस प्रकार के कृत्य एक अधिकारी को शोभा नही देता है। अगर कोई कर्मचारी गलती किया है तो उसका जांच करें दोषी पाये जाने पर उसे निलंबित करें या कार्य से पृथक करें किन्तु मारपीट करना या मारपीट करवाना उचित नही है।
यह दमनकारी नीति का परिचायक है, गुप्त सुत्रों से जानकारी अनुसार एक कम्प्युटर आपरेटर को भी कार्यालय से हटाकर जंगल सफारी के बाहर पार्किंग में टिकट काटने के लिये भेज दिया गया है!
जब से जंगल सफारी में ये डीएफओ व प्रभारी रेंजर विजय पाटिल का पदस्थापना हुआ है तब से जंगल सफारी का माहोल बहुत खराब हो चुका है।
अब देखना यह है कि क्या वरीष्ठ अधिकारी इस मामले को संज्ञान में लेकर कार्यवाही करेंगे या मामला ठंडा बस्ता में चला जायेगा।
रिपोर्टर - मज़हर इक़बाल
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