राज कपूर की ‘मेरा नाम जोकर’: क्यों लगा 6 साल बनाने में और क्यों बन गई थी सबसे बड़ी फ्लॉप?

राज कपूर: शो मैन की अनसुनी कहानी

भारतीय सिनेमा में ‘शो मैन’ के नाम से मशहूर राज कपूर ने इंडस्ट्री को कई यादगार फिल्में दीं। उन्होंने न सिर्फ अपने पिता पृथ्वीराज कपूर की विरासत को आगे बढ़ाया, बल्कि खुद भी सिनेमा के इतिहास में अमिट छाप छोड़ी। उन्हीं की सबसे महत्वाकांक्षी फिल्म थी ‘मेरा नाम जोकर’, जो आज क्लासिक मानी जाती है, लेकिन अपने समय में एक बड़ी फ्लॉप साबित हुई।

राज कपूर का परफेक्शन और 6 साल का संघर्ष

राज कपूर अपने काम में परफेक्शनिस्ट थे। कैमरे के सामने हो या निर्देशक की कुर्सी पर, जब तक मनचाहा रिजल्ट नहीं मिलता था, तब तक वे काम रोकते नहीं थे। इसी जुनून का असर ‘मेरा नाम जोकर’ पर भी पड़ा।

इस फिल्म को पूरा होने में 6 साल लग गए। वजह थी इसकी बड़ी स्टारकास्ट और उन सभी कलाकारों की व्यस्तता। मनोज कुमार, धर्मेंद्र, सिमी ग्रेवाल, पद्मिनी, दारा सिंह जैसे बड़े नामों का शेड्यूल एक साथ लाना बहुत मुश्किल था।

कहानी और निर्देशन: एक ही आदमी का सपना

राज कपूर ने इस फिल्म की कहानी खुद लिखी और निर्देशन का जिम्मा भी उठाया। उन्होंने ‘राजू’ का किरदार निभाया, जबकि उनके बेटे ऋषि कपूर ने उनके बचपन की भूमिका निभाई। फिल्म में जिंदगी के तीन अलग-अलग दौरों को दिखाया गया, जिनमें प्रेम, संघर्ष और अकेलापन था।

घर-बार गिरवी रखकर बनाई फिल्म

‘मेरा नाम जोकर’ केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि राज कपूर का ड्रीम प्रोजेक्ट था। जब फिल्म का बजट बढ़ता गया और समय खिंचता गया, तो उन्होंने अपने घर और प्रॉपर्टीज़ तक गिरवी रख दीं। कई लोगों ने उन्हें मना किया, लेकिन राज कपूर ने किसी की बात नहीं मानी। उनका विश्वास था कि फिल्म दर्शकों को जरूर पसंद आएगी। लेकिन हुआ इसके उलट।

रिलीज़ और दर्दनाक असफलता

फिल्म जब 1970 में रिलीज़ हुई, तो दर्शकों ने इसे नकार दिया। आलोचना का मुख्य कारण था इसका चार घंटे से ज्यादा का रनटाइम और डबल इंटरवल। उस दौर में दर्शक इतने लंबे समय तक सिनेमा हॉल में बैठने को तैयार नहीं थे।

दिल टूटा, लेकिन हौसला नहीं

‘मेरा नाम जोकर’ की असफलता ने राज कपूर को अंदर तक तोड़ दिया। कहा जाता है कि इसके बाद उन्होंने खुद को करीब एक साल तक सब से दूर कर लिया। लेकिन जैसे अंधेरे के बाद उजाला आता है, वैसे ही उन्होंने ऋषि कपूर और डिंपल कपाड़िया के साथ फिल्म ‘बॉबी’ बनाई। यह फिल्म एक बड़ी हिट साबित हुई और राज कपूर को फिर से इंडस्ट्री में मजबूत वापसी मिली।

रणधीर कपूर ने बताई फ्लॉप होने की असली वजह

कई लोगों ने ‘मेरा नाम जोकर’ के फ्लॉप होने की अलग-अलग वजहें गिनाईं — कोई रनटाइम को दोष देता है, कोई कहानी को। लेकिन राज कपूर के बेटे रणधीर कपूर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि फिल्म की सबसे बड़ी दिक्कत थी कि वो अपने समय से बहुत आगे थी।

आज की नज़र में ‘मेरा नाम जोकर’

भले ही ये फिल्म 1970 में असफल रही हो, लेकिन आज इसे इंडियन सिनेमा की सबसे बेहतरीन फिल्मों में गिना जाता है। इसकी भावनात्मक गहराई, कहानी की परतें और राज कपूर का अभिनय, आज भी सिनेप्रेमियों को आकर्षित करता है।


‘मेरा नाम जोकर’ राज कपूर की आत्मा से जुड़ी एक फिल्म थी। यह कहानी है एक कलाकार के जुनून, उसकी जिद और उसके सपनों की — जो भले ही एक समय पर असफल रहा, लेकिन समय के साथ वो अमर हो गया।

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