हनीमून का खौफनाक अंत: भाई का छलका दर्द, मां की चीख और इंसाफ की गुहार

इंदौर/शिलॉन्ग –यह एक नई शुरुआत होनी थी… एक नई ज़िंदगी, नए सपने और एक खूबसूरत हनीमून। लेकिन इंदौर के राजा रघुवंशी के लिए यह यात्रा उनकी ज़िंदगी की आखिरी बन गई...मेघालय की वादियों में जहां प्यार की कहानियाँ गूंजती हैं, वहीं एक हत्या की साजिश ने सबको हिला कर रख दिया। अब राजा के परिवार की बस एक ही मांग है – “हमें सच चाहिए, और पूरी सच्चाई!”

" साज़िश की सूत्रधार है सोनम" – बोले बड़े भाई सचिन

राजा रघुवंशी के बड़े भाई सचिन रघुवंशी का दर्द अब आक्रोश में बदल चुका है। गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने सीधा आरोप लगाया कि,"सोनम पुलिस को गुमराह कर रही है।"

उनकी मांग है कि सोनम समेत सभी पांच आरोपियों को इंदौर लाया जाए और यहां बैठकर उनसे गहन पूछताछ हो। उनका दावा है कि आठ दिन की पुलिस रिमांड के दौरान भी सोनम ने कई अहम जानकारियाँ छुपाईं और बार-बार जांच को भटकाने की कोशिश की।"इतनी बड़ी साजिश कोई अकेला नहीं रच सकता। सोनम के साथ उसका परिवार और दोस्त भी इस में शामिल हो सकते हैं। हम चाहते हैं कि सभी का नार्को टेस्ट हो।"

"मुझे बताओ, मेरे बेटे की क्या गलती थी?" – माँ उमा रघुवंशी की चीख

अपने बेटे की तस्वीर को सीने से लगाए बैठी उमा रघुवंशी की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। वो बस एक ही सवाल बार-बार पूछ रही हैं "क्यों मारा मेरे बेटे को? सोनम से ये जवाब चाहिए… जब तक वो खुद न बताए, मुझे चैन नहीं मिलेगा।"

पांच गिरफ्तार, दो की रिमांड बढ़ी, SIT कर रही जां

हत्या के इस खौफनाक खेल में मुख्य आरोपी है – राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी, उसका कथित प्रेमी राज कुशवाहा, और उनके तीन साथी – विशाल चौहान, आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी।गुरुवार को शिलॉन्ग की अदालत ने सोनम और कुशवाहा की रिमांड दो दिन के लिए और बढ़ा दी, जबकि बाकी तीन को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

हनीमून बना मौत का सफर: कब क्या हुआ?
11 मई: राजा और सोनम की शादी हुई

20 मई: दोनों हनीमून के लिए मेघालय रवाना हुए

23 मई: राजा अचानक लापता

2 जून: चेरापूंजी के पास एक झरने की खाई में मिली राजा की क्षत-विक्षत लाश

8 जून: सोनम ने गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) में आत्मसमर्पण किया

अन्य आरोपी अलग-अलग जगहों से पकड़े गए

अब इस पूरे मामले की जांच मेघालय पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) कर रही है। लेकिन राजा का परिवार चाहता है कि सच का पर्दा इंदौर में उठे – जहां से यह कहानी शुरू हुई थी।

यह एक प्रेम कहानी नहीं, एक हत्या की पटकथा है, जिसे सच्चे इंसाफ की जरूरत है। राजा अब लौट नहीं सकता, लेकिन उसका परिवार एक ही बात दोहरा रहा है – "हमें चाहिए जवाब… और इंसाफ!"

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