देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व श्री लालबहादुर शास्त्री की पुण्य तिथि पर शास्त्री सर्किल उदयपुर रोड पर उनकी प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित की

ब्यावर :   देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व श्री लालबहादुर शास्त्री की पुण्य तिथि पर शास्त्री सर्किल उदयपुर रोड पर उनकी प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कांग्रेस नेता मनोज चौहान ने कहा की लाल बहादुर शास्त्री ने 1921 के असहयोग आंदोलन से लेकर 1942 तक अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। शास्त्री जी 16 साल की उम्र में गांधी जी के साथ देशवासियों के लिए असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए थे। शास्त्री जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 1965 में भारत पाकिस्तान का युद्ध हुआ जिसमें शास्त्री जी ने विषम परिस्थितियों में देश को संभाले रखा। और प्रवीण जैन ने शास्त्री जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा की सेना के जवानों और किसानों के महत्व बताने के लिए उन्होंने 'जय जवान जय किसान' का नारा भी दिया। लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बनने से पहले रेल मंत्री,परिवहन एवं संचार मंत्री, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री,गृह मंत्री एवं नेहरू जी की बीमारी के दौरान बिना विभाग के मंत्री रहे।1964 में जब लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बने। उनके शासनकाल में 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ।लाल बहादुर शास्त्री अमर रहे आदि नारे लगाए इस मौके पर मौके पर शैलेश शर्मा,राजेन्द्र तुनगरिया,रामस्वरूप सेवलिया, शाहिद खान,धर्मसिंह रावत,देवेन्द्र सिंह,कन्हैया लाल,हरनारायण हैडा,श्याम सुन्दर हैडा,रोशन काठात,अशोक,नारयण त्रिपाठी आदि कई कांग्रेसी कार्यकताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

रिपोर्टर : शैलेश शर्मा  

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