पेयजल समस्याओं को लेकर प्रशासन असंवेदनशील ग्रामीण गांव के बाहर से लाने को मजबूर

राजस्थान : रायपुर क्षेत्र के आजमपुर,कुटकी, परासली ,सोयला और सोयली गांव के ग्रामीणों को गागरिन पेयजल और घर-घर पेयजल योजना चालू होने के बाद भी पीने के लिए पानी नही मिल पा रहा है। इन गांवों के ग्रामीण पीने के लिए पानी गांव के बाहर से लाने के लिए मजबूर हो रहे हैं।भारतीय किसान संघ के संभाग सहमंत्री मुकेश मेहर ने बताया है कि इन गांव में केवल गागरिन पेयजल योजना और घर-घर पर पेयजल योजना केवल कागजों में खानापूर्ति के अनुसार ही ग्रामीणों को पानी मिल पा रहा है ।मेहर ने बताया है कि जलदाय विभाग के JEN को 1 मई को ही पेयजल की समस्या को लेकर अवगत कराया है लेकिन विभाग के अधिकारी असंवेदनशील नजर आए और JEN ने बताया कि मुझे ग्राम पंचायत से लिखित में लेटर दिलवाएं। 15 दिन निकलने के बाद भी ग्रामीणों को पेयजल आपूर्ति की कोई योजना नहीं बन पाई है और ना ही टैंकर से जलापूर्ति की योजना तैयार हो पाई।
अतः प्रशासन से मांग है कि पेयजल की विकट समस्याओं को ध्यान में रखते हुए शीघ्र ही टैंकर से जलापूर्ति की जाए।
परासली के ग्रामीण बालचंद मेघवाल ने बताया कि sc बस्ती में हेड पंप को खराब हुए 6 माह बीत चुके हैं लेकिन अभी तक भी हेड पंप को ठीक नहीं किया गया भीषण गर्मी के मौसम को देखते हुए ग्रामीणों में रोज व्याप्त है।सोयली निवासी बद्री लाल गुर्जर ने बताया है कि सोयली में पानी की टंकी बनकर तैयार है लेकिन सोयला और सोयली के ग्रामीणों को भी अभी तक पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति नहीं हो पाई है।आजमपुर निवासी मुकेश दांगी ने बताया कि आजमपुर की पानी की टंकी केवल शोपीस बनी हुई है टंकी में पानी सप्लाई करने की अभी तक विभाग की कोई प्रभावी योजना नहीं बनी है। सरकार की योजना का लाखों करोड़ों का खर्च होने के बाद भी ग्रामीणों को पेयजल आपूर्ति का लाभ नहीं मिल पा रहा है जिनके जिसको लेकर क्षेत्र के ग्रामीणों में आक्रोश है।
रिपोर्टर : रमेश चंद्र शर्मा
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