मासूम अद्विता को मिला नया जीवन आरबीएसके कार्यक्रम के अंतर्गत हुआ हृदय रोग का निशुल्क उपचार

जयपुर : आरबीएसके कार्यक्रम हज़ारों बच्चों के लिए वरदान बनकर सामने आया है। विपन्नता और असहाय अवस्था मे जहां ऐसे बच्चों के अभिभावक पहले मायूस होकर रह जाते थे, आरबीएसके कार्यक्रम ने उन्हें एक नई उम्मीद प्रदान की है। ऐसी ही एक प्रेरक कहानी है एक वर्षीय मासूम अद्विता चौधरी की,जो जन्मजात हृदय रोग से जूझ रही थी और हाल ही में ऑपरेशन के बाद उसे नया जीवन मिला है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जयपुर प्रथम डॉ. रवि शेखावत ने बताया कि श्री संदीप चौधरी की पुत्री
अद्विता चौधरी (जन्म 19 अगस्त 2023) जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित थी। बच्ची निरंतर बीमार रहती थी, जिससे पूरा परिवार चिंतित रहता। पिता संदीप आर्थिक विपन्नता के कारण बच्ची का ईलाज करवा पाने में असमर्थ थे।

गत 15 जून 2024 को आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) टीम, जयपुर प्रथम अर्बन द्वारा कठपुतली नगर आंगनवाड़ी–II में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जांच के दौरान टीम ने अद्विता की गंभीर बीमारी को पहचाना और उसके अभिभावकों को दिलासा दिया कि उनकी बच्ची का निशुल्क उपचार किया जाएगा।

बच्ची को सत्यसाई हार्ट कैंप में रैफर किया गया, जहाँ उसकी ईको जांच की गई और तुरंत ऑपरेशन की ज़रूरत बताई गईं। निर्धारित तिथि गत 20 अगस्त 2024 को अद्विता को अहमदाबाद स्थित सत्यसाई हार्ट हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। चार दिन बाद, 24 अगस्त को बच्ची की हृदय शल्यक्रिया सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई।

आज अद्विता पूरी तरह स्वस्थ है और एक सामान्य जीवन जी रही है। अद्विता के पिता श्री संदीप चौधरी अनुग्रहित हैं मुख्यमंत्री महोदय, चिकित्सा मंत्री महोदय  राज्य सरकार, आरबीएसके कार्यक्रम और चिकित्सकों के, जिनकी वजह से उनकी बच्ची को नया जीवन मिला। वे कहते हैं कि"उनके पास इतने साधन नहीं थे कि वे बच्ची का महंगा ऑपरेशन करवा पाते। बच्ची के निशुल्क ईलाज के लिए वे हृदय से आभारी हैं।"

रिपोर्टर : विजयभवानी 

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