भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा का निधन

राजस्थान : राजस्थान के पूर्व मंत्री रहे नंदलाल मीणा का निधन हो गया। उन्होंने अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे काफी समय से बीमार चल रहे थे।
प्रतापगढ़: राजस्थान के वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा का शनिवार को निधन हो गया। उन्होंने अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली।
बता दें कि नंदलाल मीणा काफी समय से अस्वस्थ चल रहे थे। वे जमीन से जुड़े नेता माने जाते थे, जिन्होंने गांव-ढाणी के विकास और युवाओं को शिक्षा और रोजगार से जोड़ने के लिए कई प्रयास किए। उनके निधन से प्रदेश की राजनीति और विशेषकर आदिवासी समाज को गहरा आघात पहुंचा है। नेताओं और समर्थकों ने उन्हें समाज का सच्चा प्रहरी और संघर्षशील व्यक्तित्व बताया। अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में किया जाएगा।
आईसीयू में थे भर्ती
नंदलाल मीणा को स्वास्थ्य कारणों के चलते अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में रखा गया था। वहीं, 26 सितंबर को मीणा के स्वास्थ्य की जानकारी देते हुए बताया गया था, उनकी स्थिति स्थिर है। उनके स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम उनकी निगरानी कर रही है।
नंदलाल मीणा का जीवन परिचय
नंदलाल मीणा का जन्म 25 जनवरी 1946 को राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के अंबामाता का खेड़ा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम किशनलाल और माता का नाम देवी बाई था। प्रारंभिक जीवन में ही वे सामाजिक और राजनीतिक चेतना से जुड़ गए थे।
बता दें कि उदयपुर के मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय से उन्होंने बीए और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की थी। सुमित्रा देवी के साथ उनका विवाह 20 जून 1968 को हुआ। उनके एक पुत्र और पांच पुत्रियां हैं।
राजनीतिक जीवन की शुरुआत
साल 1977 में छठी राजस्थान विधानसभा के लिए उदयपुर जिले के उदयपुर ग्रामीण (अ.ज.जा.) निर्वाचन क्षेत्र से जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतकर विधानसभा में प्रवेश किया। उन्हें 20,263 मत प्राप्त हुए, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी जयनारायण को 9,818 मत मिले थे। यह 10,445 मतों का भारी अंतर था। यहीं से एक लंबे राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई, जिसके बाद वे सात बार विधायक और एक बार सांसद रहे।
इस दौरान तीन बार राजस्थान सरकार में मंत्री भी रहे। वहीं, संगठन में भी कई बड़े पदों को संभाला। उनकी पत्नी सुमित्रा मीणा भी चित्तौडगढ़़ की जिला प्रमुख रहीं। वहीं, उनकी पुत्रवधु सारिका मीणा ने भी जिला प्रमुख का पदभार संभाला। इतने बड़े राजनीतिक जीवन में उन्होंने एक भी चुनाव नहीं हारा।
अलबत्ता उनके पुत्र हेमंत मीणा को पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रतापगढ़ विधानसभा से उम्मीदवार बनाया था। लेकिन वे चुनाव हार गए, लेकिन अगले ही विधानसभा चुनाव में हेमंत मीणा ने न सिर्फ विधानसभा का चुनाव जीता, बल्कि राजस्व मंत्री भी बनाए गए।
सीएम भजनलाल शर्मा ने एक्स पर लिखा, कैबिनेट मंत्री श्री हेमंत मीणा जी के पूज्य पिताजी व राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री श्री नंदलाल मीणा जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति व शोक संतप्त परिवारजनों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करे।
रिपोर्टर : नरेश गर्ग
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