देवराज इंद्र के अहंकार का नाश करने एवं जानने हेतु की जाती है गोवर्धन की पूजा अर्चना

राजस्थान :   गाय के गोबर से घरों के सामने गोवर्धन जी को  निर्माण कर विधिवत सुहागिन  महिलाएं  विधिवत पूजा अर्चना आरती उतारकर परिक्रमा लेकर इस दिन सुरक्षा का भाव लेकर गोवर्धन परिक्रमा विधिवत त्यौहार गोवर्धन पूजा मनाया जाता है  यह त्यौहार श्रीमती शीला शर्मा ने बताया कि इंद्र ने अपने पूरे बाल का प्रयोग किया लेकिन भगवान श्री कृष्ण के आगे उन्हें हर का सामना करना पड़ा अपने बल से गोवर्धन पर्वत को एक अंगुली में धारण कर ब्रज मथुरा वासियों गोप ग्वालो की रक्षा की इंद्र ने अपनी पूरी ताकत से की लेकिन सभी को सुरक्षित बचाया जब इंद्र को ज्ञात हुआ के भगवान श्री कृष्ण विष्णु भगवान का ही अवतार है तो उन्हें अपनी भूल का एहसास हुआ और इंद्रदेव भगवान श्री कृष्णा से समय अर्चना की तभी से अभी तक गोवर्धन पूजा की जाती है।

रिपोर्टर : रमेश शर्मा 

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