महिलाओं ने गाएं मंगल गीत, माता जानकी की मुंह दिखाई की रस्म अदा की

राजगढ़ : कस्बे के चौपड़ बाजार स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर पर आषाढ़ शुक्ल दशमी तिथि को माता जानकी की मुंह दिखाई की रस्म महंत परिवार के द्वारा अदा की गई। शास्त्री ने बताया कि यह परंपरा एक अनोखी परंपरा है। जहां महाप्रभु भगवान श्री जगन्नाथ और माता जानकी की विवाह की रस्म अदा की जाती है।आषाढ़ शुक्ल षष्ठी तिथि को भगवान जगन्नाथ का माता जानकी के साथ पाणिग्रहण संस्कार होता है। श्रद्धालुओं के द्वारा माता जानकी को कन्यादान अर्पण किया जाता है। मंगल गीतों के द्वारा माता जानकी और भगवान जगन्नाथ को रिझाया जाता है। आषाढ़ शुक्ला दोज को महाप्रभु की पावन पवित्र रथ यात्रा होती है रथ यात्रा के समापन होने पर जब भगवान जगन्नाथ के साथ माता जानकी पुनः श्री मंदिर पहुंचती है तो माता के अपने ससुराल आने पर मुंह दिखाई की रस्म निभाई निभाई जाती है और भक्त महिलाओं के द्वारा श्रद्धालु गणों के द्वारा माता जानकी की पूजा अर्चना की जाती है उन्हें भेंट अर्पण की जाती है तथा उन्हें चावल बुरे का भोग लगाया जाता है। माता जानकी की मुंह दिखाई की रस्म होने से पहले मंदिर महंत मदन मोहन शास्त्री के द्वारा वैदिक मंत्र उच्चारण से माता जानकी का पूजन किया गया। पूजन करने के उपरांत जानकी मैया को चावल बुरे का भोग लगाया गया व प्रसाद सभी भक्तों में वितरित किया गया। श्रद्धालु महिलाओं के द्वारा मंगल गीत गाकर के माता को मंत्रमुग्ध किया। पूरा मंदिर जय जानकी मैया जय जगदीश हरे से गुंजायमान हो गया। घंटे घड़ियालों की मधुर ध्वनि से जय माता जानकी की मुंह दिखाई की रस्म अदा की गई। इस मौके पर मंदिर महंत पूर्ण दास, एडवोकेट पंडित मदन मोहन शास्त्री, पंडित रोहित शर्मा, गायत्री देवी, विमला मामोडिया, मीनू खुटेटा, गायत्री शर्मा, गायत्री गुप्ता, गुड्डी गुप्ता, संजू गोयल, ललित गोयल, चंदा शर्मा, इंदिरा देवी शर्मा, संजू गोयल, पुष्पा महावर, रेखा गुप्ता, मेला कमेटी के अध्यक्ष महेंद्र प्रसाद तिवारी एडवोकेट,कन्हैया लाल लखेरा, हरिओम गुप्ता सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
रिपोर्टर : राजकुमार गुप्ता
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