दिल्ली के हुए दिनेश शर्मा , कर डाला बड़ा काम !

दिल्ली की राजनीति का रास्ता यूपी से होकर ही गुजरता है, और ये कहावत अब सच साबित हो रही है। यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम, बीजेपी के नेता दिनेश शर्मा आजकल दिल्ली में अपने कदम जमाने की कोशिश में जुटे हैं। एक समय था जब वे योगी सरकार में डिप्टी सीएम थे, लेकिन अब उनकी राजनीतिक तस्वीर कुछ बदलने की कोशिश में है।

हाल ही में समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने औरंगजेब को लेकर जो बयान दिया, उससे एक नया सियासी बवंडर खड़ा हो गया था और इस बवंडर में दिनेश शर्मा ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी थी ...मगर जहां , अभी ये सब खत्म भी नहीं हुआ था कि दिल्ली में  दिनेश शर्मा ने तुगलक लेन स्थित अपने सरकारी आवास की नामप्लेट बदलकर उसे 'स्वामी विवेकानंद मार्ग' रख दिया........बस फिर क्या था ...राजनीति में उनकी सक्रियता औऱ दिल्ली में उनकी पकड़ पर बहल छिड़ गई . दरअसल यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री व बीजेपी के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा को दिल्ली में 6 तुगलक लेन पर सरकारी आवास मिला है। बीजेपी सांसद ने परिवार के साथ सरकारी आवास में गृह प्रवेश कर लिया है। इससे जुड़ी एक पोस्ट की है। पोस्ट में उन्होंने लिखा कि नई दिल्ली स्थित नए आवास स्वामी विवेकानंद मार्ग (तुगलक लेन) में सपरिवार विधि विधानपूर्वक, पूजन-अर्चन कर गृह प्रवेश किया। उनके नेमप्लेट में किये गए बदलाव को लेकर राजनीति शुरू हो गई है।

बीजेपी के नेताओं ने इसे एक दमदार कदम बताया और यह तक कह दिया कि दिल्ली में भी अब पुराने नामों को बदलने का वक्त आ गया है। यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तो यहां तक कह गए, "दिल्ली में अब ऐसे नाम बदलने का सही वक्त है, कोई तुष्टीकरण नहीं, सिर्फ बदलाव।"

वहीं अगर ये बस  बदलाव है तो कुछ पुरानी कहानियों को कुछ औऱ ही कह रही है ... याद कीजिए , 2022 में जब योगी सरकार में बड़ा फेरबदल हुआ, तो दिनेश शर्मा को डिप्टी सीएम की कुर्सी से हटा दिया गया था ...सवाल उठने लगे थे कि आख़िर ऐसा क्या हो गया कि दिनेश शर्मा को कुर्सी से बाहर कर दिया गया? कहते हैं, उनके पहले कार्यकाल में वो अपनी आक्रामक छवि नहीं बना पाए थे। तो, शायद यही वजह रही कि उन्हें 'नम्रता' का पुरस्कार मिला और ब्रजेश पाठक को डिप्टी सीएम की कुर्सी .. लेकिन अब कही ना कहीं दिनेश शर्मा अपने पुराने जख्मों को भरने की कोशिश करते जरूर नजर आ रहे हैं . अब दिनेश शर्मा ने जो कदम उठाया है, उससे साफ हो गया है कि वो किसी भी कीमत पर शांत बैठने वाले नहीं हैं। तुगलक लेन का नाम बदलकर ये दिखा दिया है कि वो अब सिर्फ 'पुरानी यादों' में नहीं जीने वाले, बल्कि अब दिल्ली की राजनीति में अपनी मर्जी से खेलेंगे। शायद ये उनका तरीका हो, यह बताने का कि वो अब भी एक दमदार और सक्रिय नेता हैं, जो राजनीति में कहीं भी अपने कद से हटने के लिए तैयार नहीं हैं।

देखा जाए तो, दिनेश शर्मा ने तुगलक लेन का नाम बदलकर सिर्फ एक रास्ते का नाम नहीं बदला, बल्कि अपनी राजनीतिक दिशा और पहचान को भी फिर से नया रूप दे दिया। अब, दिल्ली की राजनीति में उनका यह नया कदम यह बताता है कि वो अब सिर्फ एक इतिहास का हिस्सा नहीं बनने वाले, बल्कि अपनी नई रणनीति और सक्रियता से दिल्ली की राजनीति में अपनी जगह बनाने के लिए तैयार हैं। उनका संदेश साफ है – यूपी से दिल्ली तक, और तुगलक लेन से स्वामी विवेकानंद मार्ग तक, उनका नाम अब केवल राजनीति का हिस्सा नहीं, बल्कि एक मजबूत शख्सियत बनकर उभर रहा है।अब देखना ये होगा कि क्या दिनेश शर्मा की ये सियासी चाल उन्हें दिल्ली में वो पहचान दिला पाएगी, जो यूपी में उन्हें कभी खोनी पड़ी थी? 

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