जाने कब और क्यों मनाई जाती हैं रमा एकादशी

रमा एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत हैं, जो भगवान विष्णु की पूजा के लिए मनाया जाता हैं. यह व्रत आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता हैं, जो आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में पड़ता हैं. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि, धन-धान्य और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती हैं.रमा एकादशी का महत्व इस प्रकार हैं कि यह व्रत भगवान विष्णु की पत्नी माँ लक्ष्मी की पूजा के लिए भी किया जाता हैं. माँ लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति को धन-धान्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती हैं. इसके अलावा, इस व्रत को करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती हैं और उसे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती हैं.
पौराणिक कथा
रमा एकादशी के पीछे एक पौराणिक कथा भी हैं.कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने रमा नामक एक राक्षस को मारकर अपनी पत्नी माँ लक्ष्मी को बचाया था.इस घटना को याद करने के लिए ही रमा एकादशी का व्रत मनाया जाता हैं. इस दिन व्यक्ति को भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए और उनके लिए विशेष पूजा और अनुष्ठान करने चाहिए.
रमा एकादशी पर ध्यान रखने योग्य बात
व्रत की शुरुआत सूर्योदय से पहले होती हैं और रात्रि में भगवान विष्णु की पूजा की जाती हैं.व्रत के दिन व्यक्ति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और किसी भी प्रकार का अनुचित कार्य नहीं करना चाहिए.व्रत के दिन व्यक्ति को भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और उन्हें फूल, फल और अन्य पूजा सामग्री चढ़ानी चाहिए.व्रत के समापन पर व्यक्ति को दान करना चाहिए और गरीबों की मदद करनी चाहिए.
रमा एकादशी मुहूर्त
कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 27 अक्टूबर को भोर में 05 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 28 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 50 मिनट पर होगा.वही उदयातिथि के अनुसार रमा एकादशी का व्रत 28 अक्टूबर 2024 को रखा जाएगा.
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