सुप्रीम कोर्ट के कुछ अधिवक्ता की पहल पर संगठन की नींव रखी गई है: सत्येंद्र तिवारी राष्ट्रीय कमेटी के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा कार्य: नंद गोपाल त्रिपाठी

रांची : भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा प्रदेश कमेटी की बैठक बेतला स्थित आराध्या रिजॉर्ट में हुई। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष सत्येंद्र तिवारी ने की जबकि संचालन प्रदेश महासचिव नंद गोपाल त्रिपाठी ने किया। मौके पर मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंजीनियर चंद्रकांत और राष्ट्रीय महासचिव और झारखंड प्रदेश प्रभारी निखिल त्यागी ने ऑनलाइन बैठक में संगठन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। राष्ट्रीय संगठन सचिव संजय पांडेय ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा एक वैचारिक क्रांति है। भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा के राष्ट्रीय पदाधिकारी जो सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हैं। जिनके नेतृत्व में देश भर में एक अभियान चलाया जा रहा है। कहा कि झारखंड में भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा की गतिविधियां एक मानक संचालन प्रक्रिया के अधीन संचालित होगी। कहा कि सभी पदाधिकारियों और सदस्यों को यह समझनी होगी कि भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा भ्रष्टाचार-निरोधी जांच एजेंसी नहीं है, ऐसी हालत में मोर्चा पदाधिकारियों को केवल भ्रष्टाचार-पीड़ित के सहायक की भूमिका में ही अपनी उपस्थिति दर्ज करनी है। प्रदेश अध्यक्ष सत्येंद्र तिवारी ने कहा कि सरकार, व्यवस्था या सिस्टम के द्वारा जिस काम के लिए अधिकारी प्राधिकृत किये जाते हैं उनसे नियमानुसार बिना किसी भेद-भाव या स्वार्थ साधन ईमानदारी से उस काम के संपन्न किये जाने की अपेक्षा की जाती है। भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा भ्रष्टाचार से पीड़ित जन-मानस की इसी दुखती-रग पर मरहम लगाने और उसके उपचार हेतु सक्रियता का एक सामाजिक प्रयास है। कहा कि सर्वोच्च न्यायालय, नई दिल्ली के कुछ सक्रिय अधिवक्ताओं की पहल पर भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा की नींव रखी गई है। केंद्र के अतिरिक्त कई राज्यों और जिलों में इसकी इकाइयां कार्यरत हैं और झारखंड प्रदेश में भी विगत कई वर्षों से सक्रिय है । राज्य एवं जिला इकाइयों के लिए सुलभ प्रसंग में मार्गदर्शन और उनके अचूक अनुपालन हेतु निम्नलिखित मानक संचालन प्रक्रिया को संसूचित किया जा चुका है। बैठक का संचालन करते हुए प्रदेश महासचिव नंद गोपाल त्रिपाठी ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चा प्रदेश कमेटी, जिला और प्रखंड के सभी पदाधिकारी और सदस्य निजी आचरण और नैतिक शुचिता के प्रति स्वयं कटिबद्ध रहते हुए ही भ्रष्टाचार-निरोध के प्रति सक्रिय रहेंगे। गोपाल त्रिपाठी ने कहा मोर्चा के कोई भी सदस्य शिकायत के निदान हेतु किसी अधिकारी मिलें तो अपनी भाषा की शालीनता और सौजन्यता के साथ ही व्यवहार करें ताकि किसी किस्म का कानून उल्लंघन की आपकी जबाबदेही नहीं बने। मोर्चा से जुड़े लोग अपने क्षेत्र की समस्या की लिखित सूचना मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारियों को दी जाए ताकि राष्ट्रीय कमेटी के साथ समन्वय बनकर इसका समाधान खोजा जा सके। प्रदेश उपाध्यक्ष नितिन कुमार पांडेय ने कहा कि यदि मोर्चा के किसी पदाधिकारी और सदस्यों को अपने कार्यक्षेत्र में किसी आधिकारिक स्तर पर भ्रष्टाचरण की संसूचना किसी सीधे पीड़ित व्यक्ति से मिलती है तो उसके साथ कार्यालय जाकर संबंधित अधिकारी के संज्ञान में वस्तुस्थिति बताकर मदद का प्रयास किया जाना चाहिए।
प्रदेश संयुक्त सचिव आलोक कुमार तिवारी ने कहा कि मोर्चा से जुड़े साथी अपने क्षेत्र में चल रही सरकारी योजनाओं से संबंधित लोगों को उनकी अधिकारिक जरूरतों के विषय में जागरूकता फैलाने का कार्य करें। मौके पर रामानंद पांडेय, नीलेश पांडेय, राहुल सिंह, सुमन कुमार, विवेका त्रिपाठी, मृत्युंजय तिवारी, ब्रजेश तिवारी, सुजीत पांडेय समेत कई लोगों ने अपने अपने विचारों को रखा।
रिपोर्टर : बबलु खान
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