मांडर कॉलेज में प्राध्यापकों की कमी, पठन-पाठन प्रभावित मांडर काॅलेज में 5200 से अधिक हैं विद्यार्थी

रांची : मांडर : काॅलेज में शैक्षणिक व्यवस्था भगवान भरोसे है। क्षेत्र के इकलौते डिग्री काॅलेज में प्राध्यापकों के साथ ही शिक्षकेतर कर्मचारियों की भी कमी है। जिसके चलते पढ़ाई के साथ ही अन्य कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। कई विषयों की पढ़ाई के लिए छात्रों का नामांकन लिया गया है, लेकिन उन विषयों के एक भी प्राध्यापक नहीं हैं। लोहरदगा से रांची के बीच स्थित क्षेत्र के इस इकलौते डिग्री काॅलेज में कुड़ू, चंदवा, लातेहार, खलारी, मैक्लुस्कीगंज, बुढ़मू व रातू क्षेत्र के छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं। जिसमें छात्राओं की संख्या सबसे अधिक है। बावजूद कॉलेज के शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार को लेकर जिम्मेदार विवि प्रशासन चुप हैं।
यूजी-पीजी में लगभग 5200 विद्यार्थी :
काॅलेज में ग्रेजुएशन और पीजी में करीब 5200 से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। काॅलेज में प्राध्यापकों का कुल स्वीकृत पद 63 है। जिसमें 11 स्थायी और नौ अनुबंधित को मिलाकर कुल 20 ही कार्यरत हैं। 43 पद खाली हैं। शिक्षकेतर कर्मचारियों के थर्ड ग्रेड में 29 व चतुर्थ ग्रेड में 40 पद स्वीकृत हैं। जिसमें थर्ड ग्रेड में मात्र सात और फोर्थ ग्रेड में मात्र 10 कर्मी ही कार्यरत हैं। काॅलेज में संस्कृत, उर्दू, इतिहास, एंथ्रोपोलॉजी, नागपुरी व कुड़ुख विषय में एक भी शिक्षक नहीं हैं।
परीक्षा के बाद कॉपी जांचने में परेशानी :
कॉलेज में कुछ दिनों पूर्व उर्दू विषय की परीक्षा हुई। परीक्षा के बाद उर्दू की कॉपी की जांच नहीं हो पायी। बाद में काॅलेज में उर्दू विषय के सेवानिवृत्त प्राध्यापक को बुलाकर कॉपी की जांच करायी गयी।
प्राध्यापकों व अन्य कर्मियों की मांग :
काॅलेज में प्राध्यापकों व शिक्षकेतर कर्मचारियों की कमी को दूर करने की मांग लेकर छात्र संगठन व विद्यार्थी कई बार आंदोलन कर चुके हैं। कॉलेज प्रशासन की ओर से भी लगातार पत्राचार कर विश्वविद्यालय प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया है। लेकिन स्थिति यथावत है।
विवि प्रशासन से किया पत्राचार :
काॅलेज के प्रभारी प्राचार्य प्रो गांवा तिग्गा ने कहा कि अभी कुछ दिनों पूर्व ही उन्होंने काॅलेज का प्रभार लिया है। काॅलेज में जो भी कमी और अव्यवस्था है, उसे सभी को मिल-जुलकर दूर करना है। कॉलेज में प्राध्यापकों की कमी व अन्य समस्या को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन से पत्राचार किया जा रहा है। मांडर काॅलेज में 5200 से अधिक हैं विद्यार्थी संस्कृत, उर्दू, इतिहास, एंथ्रोपोलॉजी, नागपुरी व कुड़ुख विषय के नहीं हैं प्राध्याापक
मांडर 1, मांडर कॉलेज का भवन।
रिपोर्टर : नदीम दानिश
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