पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन, झारखंड में शोक की लहर

रांची - झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक और आदिवासी समाज के कद्दावर नेता शिबू सोरेन का लंबी बीमारी के बाद सोमवार देर रात निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे। उनके निधन से पूरे झारखंड सहित देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। शिबू सोरेन पिछले कुछ हफ्तों से दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्हें किडनी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के चलते वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। डॉक्टर्स की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी हालत में सुधार नहीं हो सका और अंततः उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके पुत्र और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए कहा,"हमने केवल अपने पिता को नहीं, झारखंड की आत्मा को खो दिया है। वे आदिवासी अस्मिता और राज्य निर्माण के प्रतीक थे।" शिबू सोरेन का जीवन परिचय
जन्म: 11 जनवरी 1944, नेमरा गांव, रामगढ़, झारखंड राजनीतिक यात्रा: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना की और झारखंड राज्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे और केंद्र में कोयला मंत्री के रूप में भी कार्य किया। उन्हें "गुरुजी" के नाम से सम्मानपूर्वक जाना जाता था।
झारखंड की राजनीति में अमिट छाप
शिबू सोरेन ने झारखंड के अलग राज्य के रूप में गठन की लड़ाई लड़ी। आदिवासी अधिकारों और शोषित समाज के लिए उन्होंने दशकों तक संघर्ष किया। उनकी छवि एक धरती से जुड़े नेता की रही,जो आम लोगों की आवाज़ थे। देशभर के राजनीतिक दलों, नेताओं और सामाजिक संगठनों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, विपक्ष के नेताओं और राज्य के कई पूर्व मुख्यमंत्रियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सरकार ने राज्य में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
रिपोर्टर - नदीम दानिश
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