दिशोम गुरुजी के निधन से रद्द हुआ मुस्लिम समुदाय का विधानसभा घेराव

रांची - झारखंड आंदोलन के महानायक और दिशोम गुरुजी शिबू सोरेन के निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है। इस दुखद घटना के बाद मुस्लिम समुदाय और झारखंडियों के न्याय अधिकारों को लेकर 20 सूत्री मांगों पर निर्धारित विधानसभा घेराव कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है।आम्या संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष एस अली ने कहा दिशोम गुरुजी ने झारखंड राज्य के निर्माण और यहां के लोगों के अधिकारों के लिए अपना पूरा जीवन संघर्ष में लगा दिया। उनका सामाजिक और राजनीतिक कद हमेशा अग्रणी रहा है और उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

राजकीय शोक की मांग - एस अली ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से तीन दिन का राजकीय शोक घोषित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि गुरुजी न केवल झारखंड के बल्कि पूरे देश के आदिवासी समाज के सबसे बड़े नेता थे। उनके निधन से राज्य की राजनीति और सामाजिक जीवन में गहरी कमी आ गई है।

रद्द हुआ विरोध प्रदर्शन - ज्ञात हो कि आम्या संगठन 4 अगस्त को राजधानी रांची में सरकार की नीतियों और लापरवाही के खिलाफ बड़ा विरोध प्रदर्शन करने वाला था। यह आंदोलन मुस्लिम समुदाय और झारखंडियों के न्याय अधिकार से जुड़े 20 सूत्री मांगों को लेकर किया जाना था। राज्यभर से सैकड़ों अल्पसंख्यक राजधानी पहुंच चुके थे और विधानसभा घेराव की तैयारी पूरी हो गई थी। लेकिन गुरुजी के निधन की खबर मिलते ही संगठन में शोक और निराशा का माहौल फैल गया और कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया।

गुरुजी का संघर्ष बना प्रेरणा - एस अली ने कहा कि दिशोम गुरुजी का संघर्ष और बलिदान झारखंडियों और अल्पसंख्यकों के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेगा। उन्होंने न्याय, समानता और आदिवासी अधिकारों के लिए जिस तरह से आंदोलन चलाया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि संगठन बाद में अपनी 20 सूत्री मांगों को लेकर फिर से आंदोलन करेगा, लेकिन इस समय पूरा झारखंड गुरुजी को श्रद्धांजलि अर्पित करने में जुटा है।

रिपोर्टर - नदीम दानिश 

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