सीक्रेट तरीके से सेंटा क्यों क्रिसमस गिफ्ट देते हैं?
RATNA
25 दिसंबर को पूरी दुनिया में क्रिसमस डे सेलिब्रेट किया जाता है. इस दिन ईसाई धर्म के लोगों के अनुसार यीशू मसीह का जन्म हुआ था, इसिलए लोग इस त्योहार को बड़े ही धूम धाम और खुशियों के साथ मनाते हैं. 25 दिसंबर के दिन प्रार्थना करने, कैंडल जलाने और घर की साज-सजावट के साथ ही उपहार लेने-देने की भी परंपरा है. इस दिन का इंतज़ार बच्चों को काफी ज्यादा रहता है, क्यूंकि इस दिन सीक्रेट सेंटा क्लॉज बच्चों को गिफ्ट देते हैं,जिसे पाने के लिए बच्चे काफी उत्साहित रहते है.
आखिर क्यों सेंटा मोजे में छिपाकर बच्चों को उपहार देते हैं या फिर रात के अंधरे में बच्चों के पास चुपके से गिफ्ट छोड़कर चले जाते हैं. इसके पीछे की कहानी सेंट निकोलस से जुड़ी है, जो गरीब बच्चों को चुपके से गिफ्ट देकर उन्हें खुश करने की कोशिश करता था. एक बार एक गरीब व्यक्ति ने अपने मोजे को सुखने के लिए चिमनी के पास रखा था. तब सेंट निकोलस ने उस मोजे को सोने-चांदी से भर दिया.
जिसके बाद धीरे-धीरे सेंट निकोलस की चोरी-चुपके लोगों की मदद करने की आदत मशहूर हो गई. जो आगे चलकर दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा बनी और लोग इस तरह चोरी चुपके लोगों की मदद करने लगे . इसलिए हर साल क्रिसमस पर लोग सेंटा बनकर मोजे में या गुप्त रूप से बच्चों को उपहार देते हैं.
वहीं अलग- अलग धर्म में गुप्त दान का एक महत्व होता है. माना जाता है कि अन्य दान की अपेक्षा गुप्त दान का महत्व कई गुना ज्यादा होता है. ऐसा दान मानव मात्र की भलाई के लिए होता है.
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