गंगा सागर स्नान कब है!

RATNA 

गंगा सागर स्नान का विशेष धार्मिक महत्व है. सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब गंगा सागर स्नान होता है. गंगा सागर मेला को गंगा सागर स्नान या गंगा सागर यात्रा भी कहा जाता है. यह वार्षिक धार्मिक उत्सव है जो पश्चिम बंगाल राज्य के सागर द्वीप में आयोजित होता है.

गंगा सागर स्नान में हिंदू तीर्थयात्रियों का जमावड़ा लगता है. लोग गंगा नदी में स्नान करते हैं. इस दौरान देश के कोने-कोने से श्रद्धालु पहुंचते हैं. गंगा सागर मेला हुगली नदी के तट पर लगता है, जो बंगाल की खाड़ी में जाकर मिलती है.

गंगा सागर स्नान को लेकर कहा जाता है कि गंगा सागर स्नान से 100 अध्वेध यज्ञ जैसा पुण्य फल मिल जाता है. कुंभ मेले के बाद गंगा सागर मेला भारत का दूसरा प्रमुख मेला है जोकि जीवंत सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व का प्रमाण है.

गंगा सागर मेला मंकर संक्रांति के कुछ दिन पहले ही शुरू हो जाता है और मकर संक्रांति के बाद समाप्त हो जाता है. 2025 में10 जनवरी 2025 से इसकी शुरुआत होगी और 18 जनवरी को इसका समापन होगा.

गंगा सागर स्नान को लेकर ऐसी धार्मिक मान्यता है कि इससे पापकर्मों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है. वहीं मकर संक्रांति पर किए गंगा स्नान से मोक्ष मिलता है. स्नान के बाद श्रद्धालु सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं.

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