षटशिला एकादशी व्रत की शुरुआत ऐसे करें

आज 25 जनवरी को षटतिला एकादशी है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत करने से व्यक्ति के सरे पाप दूर हो जाते हैं, षटतिला एकादशी गंभीर पापों से मुक्ति दिलाती है. कहा जाता है कि इस कलयुग में एक मात्र एकादशी ऐसा व्रत है जिसके प्रभाव से कोई भी व्यक्ति गंभीर से गंभीर पापों से भी मुक्ति पा लेता है और जिसके बाद उसे ईश्वर की शरण मिलती है.
षटतिला एकादशी व्रत करने वालों को नरक की यातनाएं नहीं सहनी पड़ती. इस व्रत को करने से व्यक्ति की दरिद्रता दूर हो जाती है। इसी के साथ षटतिला एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को भगवान विष्णु की कृपा मिलने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
षटशिला एकादशी व्रत को भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए विशेष माना जाता है। षटतिला एकादशी का व्रत रखने वाले मनुष्य के जीवन में धन-धान्य की कमी नहीं होती। षटतिला एकादशी को माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए भी विशेष माना जाता है।
आज के दिन एक प्रमुख प्रथा मंदिर या गरीबों को तिल का दान करना चाहिए। इस दिन भक्त पवित्र नदी में डुबकी भी लगाते हैं, क्योंकि इसे बहुत शुभ माना जाता है। आज का ये दिन और व्रत भगवान विष्णु की आराधना को समर्पित होता है।
षटशिला एकादशी व्रत कैसे शुरू करें?
हिंदू धर्म में षटशिला एकादशी का व्रत रखने का विशेष महत्व है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें. पूजा स्थल को साफ-सुथरा करके फूलों और दीपक से सजाएं. भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें. इसके बाद भगवान विष्णु को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें फूल, चंदन, रोली, सिंदूर आदि अर्पित करें.इसके बाद भगवान विष्णु के विभिन्न मंत्रों का जाप करें और उनकी स्तुति करें और भगवान विष्णु को फल, मिठाई का भोग लगाएं. अंत में भगवान विष्णु की आरती करें और लोगों को प्रसाद वितरित करें.
No Previous Comments found.