प्रदोष व्रत : शिव जी के दो खास व्रत का बना संयोग

आज 27 जनवरी को प्रदोष व्रत है, इस व्रत का महत्त्व हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण है. ये व्रत भगवान शिव को समर्पित है. आज मासिक शिवरात्रि से नया सप्ताह शुरू हो रहा है, एक ही दिन में शिव जी के दो खास व्रत का संयोग बनना दुर्लभ होता है, ऐसे में भोलेनाथ की कृपा पाने का खास अवसर है. इस सप्ताह का समापन 2 फरवरी मां सरस्वती को समर्पित बसंत पंचमी के दिन पर होगा.
आज के दिन यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। मान्यताओं के अनुसार आज विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से हर भय-संकट दूर होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती के साथ ही भगवान गणेश की पूजा भी करें। किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
प्रदोष व्रत के दिन ऐसे करें पूजा
प्रदोष व्रत के दिन सुबह काल जल्दी उठकर स्नान करने के बाद शिवजी का ध्यान करें। इसके बाद पूजा घर को गंगाजल से साफ कर पवित्र करें। फिर एक मंडप तैयार करें और रंगोली बनाकर दीपक जलाएं। इसके बाद कुश के आसन पर पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुंह करके पूजा के लिए बैठें। फिर भगवान शिव का रुद्राभिषेक या जलाभिषेक करें।
व्रत में क्या खाएं-
प्रदोष व्रत सात्विक भोजन करना चाहिए. इस दौरान फलाहार करें। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने के बाद ही भोजन करना चाहिए. प्रदोष व्रत में आप साबूदाने की खीर
कुट्टू के आटे के पकोड़े, दूध,दही, कुट्टू के आटे की रोटी, संतरा, केला, सेब जैसे फल का सेवन करें.
इस व्रत के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे-
प्रदोष व्रत में लहसुन और प्याज़ का सेवन नहीं करना चाहिए.
व्रत में साधारण नमक की जगह सेंधा नमक लें.
इस दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए.
इस दिन पीले और लाल रंग के कपड़े पहनना अच्छा माना जाता है.
इस दिन किसी को भी अपशब्द कहने से बचें.
इस दिन झूठ बोलने, बुजुर्गों का अनादर करने से बचें.
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