महानंदा नवमी का व्रत है ख़ास, परेशानियों से मिलेगा निजात

आज 6 फरवरी को महानंदा नवमी मनाई जा रही है. महानंदा नवमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक पर्व है, जिसे माघ, भाद्रपद और मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व को "ताला अष्टमी" के नाम से भी जाना जाता है। महानंदा नवमी पर मां दुर्गा की पूजा करने का महत्व है. अगर आप शत्रुओं से परेशान हो चुके हैं तो आज महानंदा नवमी पर कुछ उपाय कर सकते हैं. इससे शत्रु पराजित होंगे.
महानंदा नवमी व्रत का ख़ास महत्व
महानंदा नवमी का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। इस व्रत को करने से देवी नंदा प्रसन्न होती हैं और उनका आशीर्वाद मिलता है।
आईये जानते हैं महानंदा नवमी पर उपाय के बारे में-
- यदि आपका जीवन समस्याओं से घिरा है तो आज के दिन व्रत रखकर घर की सुख-समृद्धि की कामना करें.
- शत्रुओं के परेशान हो चुके हैं तो महानंदा नवमी पर आज आप देवी के इस अति विशिष्ट मंत्र का 11 बार जप करें और धान के लावा को भूनकर हवन भी करें.
- जीवन में चल रही दिक्कतों से छुटकारा पाने के लिए महानंदा नवमी पर इस मंत्र का 11 बार जप करना चाहिए. मंत्र है- “सर्वा बाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः॥” इस मंत्र के जाप से हर तरह की बाधाओं से छुटकारा मिलता है.
- अष्टमी और नवमी तिथि पर व्यक्ति को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान-ध्यान करना चाहिए।
- इसके बाद पूरे विधि-विधान से मां दुर्गा की उपासना करनी चाहिए।
- इसी के साथ हवन के बिना नवरात्र का व्रत पूरा नहीं माना जाता। इसलिए परिवार के साथ मिलकर इस दिन हवन जरूर करें और इसके बाद कन्या पूजन करें।
ये पर्व विशेष रूप से उत्तरी और पूर्वी भारत, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस साल 2025 में महानंदा नवमी 6 फरवरी को मनाई जा रही है।
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