इस विजया एकादशी पर करें ये व्रत, मिलेगा लाभ , जानें तिथि, शुभ मुहूर्त

इस साल फरवरी माह में आने वाली विजया एकादशी 23 फरवरी को मनाई जाएगी. यह एक पवित्र और शक्तिशाली व्रत है, इस व्रत का हिंदू धर्म में ख़ास आस्था और बहुत महत्व  है. विजया एकादशी  सुख, समृद्धि और सफलता का प्रतीक है. इसके प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में शुभ कर्मों में वृद्धि, मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है. विजय प्रदान करने वाली  विजया एकादशी इस साल 24 फरवरी 2025 सोमवार को है. इस दिन विजय प्राप्ति की कामना के लिए व्रत रखने का विधान है. 

आईये जानते हैं विजया एकादशी 2025 तिथि, मुहूर्त और महत्व.

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी 23 फरवरी 2025 को दोपहर 1.55 पर शुरू होगी और इसका समापन 24 फरवरी 2025 को दोपहर 1.44 मिनट पर होगा. बता दें कि एकादशी का व्रत सूर्योदय से अगले दिन द्वादशी के सूर्योदय तक किया जाता है.

मान्यताओं के अनुसार जब जातक शत्रुओं से घिरा हो तब कठिन से कठिन परिस्थिति में भी विजया एकादशी के व्रत से जीत हासिल की जा सकती है. आपको बता दें कि रावण से युद्ध लड़ने से पहले श्रीराम ने भी विजया एकादशी व्रत किया था. प्राचीन काल में भी कई राजा-महाराजा इस व्रत के प्रभाव से अपनी निश्चित हार को जीत में बदल चुके हैं.

ऐसे करें विजया एकादशी का व्रत-
रात में जागरण करते हुए भगवान का नाम स्मरण और कीर्तन भजन करें। इसके बाद अगले दिन सुबह भगवान की पूजा करके ब्राह्मण को दान दक्षिणा दें। हिंदू धर्म में दान करने का महत्त्व होता है. इस व्रत से प्रतिष्ठा, विजया, संकट से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

विजया एकादशी व्रत में क्या खाएं- 
व्रत में आप संभव हो सके तो जल और अन्न दोनों का सेवन न करें लेकिन अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो फलाहार कर सकते हैं और जल पी सकते हैं।

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