इस दिन मनाई जाएगी शबरी जयंती, जानें पूजा विधि

 

हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर शबरी जयंती मनाई जाती है. मान्यता है कि इस दिन शबरी माता और राम चंद्र जी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है, व्यक्ति के लिए मोक्ष के रास्ते खुलते हैं. उदया तिथि के अनुसार शबरी जयंती 20 फरवरी, गुरुवार के दिन मनाई जाएगी. इसी दिन शबरी जयंती का व्रत भी रखा जाता है. शबरी जयंती की पूजा करने के लिए सुबह के समय स्नान करने के बाद माता शबरी और श्रीराम का स्मरण किया जाता है 

शबरी जयंती तिथि -
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि 19 फरवरी 2025 को सुबह 7 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 20 फरवरी 2025 को सुबह 9 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी.

शबरी जयंती पूजा विधि-
शबरी जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद शबरी का स्मरण करें और मंदिर में श्रीराम की पूजा करें.
भगवान राम को फल-फूल, अक्षत, धूप, दीप नैवेद्य आदि अर्पित करें.
शबरी ने श्रीराम को बेर खिलाए थे, इसलिए इस दिन विशेष तौर पर श्रीराम और शबरी को बेर का भोग लगाएं.
रामायण में शबरी प्रसंग का पाठ करें. श्री रामचन्द्राय नमः मंत्र का जाप करना शुभ होगा.
इसके बाद आरती करें और फिर किसी जरुरतमंद को अन्न, वस्त्र भेंट करें.

भगवान राम अपनी शबरी के भक्ति से इतने अभिभूत थे, कि उन्होंने शबरी के झूठे बेर खाने से भी कोई संकोच नहीं हुआ. क्योंकि यहां भगवान सिर्फ उसकी भक्ति और भाव को देख रहे थे.  श्रीराम की नवधा भक्ति का जिक्र रामचरितमानस के अरण्यकांड में है, इसमें बताया गया है कि जब शबरी स्वयं को नीच ,अधम और मंदबुद्धि कहते हुए प्रभु श्रीराम की स्तुति करने में संकोच कर रही थी, तब श्री राम ने शबरी को नवधा भक्ति का ज्ञान दिया था.

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