भारत में कब है रमज़ान, जानें रोज़ा रखने का समय
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रमजान के पाक महीने की शुरुआत जल्द ही होने वाली है. मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए रमजान का ये महीना ख़ास होता है,ये पर्व इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार शाबान के बाद आता है. बता दें कि रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नौंवा महीना है. इस पूरे महीने रोजेदार 29 से 30 दोनों का रोजा रखते हैं और फिर ईद-उल-फितर मनाई जाती है.आईये जानते हैं 2025 में रमजान कब मनाई जाएगी-
इस बार रमजान की शुरुआत 28 फरवरी या 1 मार्च से शुरू होने की उम्मीद की जा रही है. रमजान का महीना किस दिन से शुरू होगा यह पूरी तरह से चांद दिखने पर ही निर्भर करता है. ऐसे में अगर 28 फरवरी को रमजान का चांद नजर आता है तो 1 मार्च को रोजेदार पहला रोजा रखेंगे. वहीं अगर 1 मार्च को रमजान के चांद का दीदार होगा तो जाहिर तौर पर रोजेदार 2 मार्च को पहला रोजा रखेंगे. आखिरी फैसला चांद दिखने के बाद ही लिया जाएगा.
कब रखते है रोज़ा-
रमजान के दौरान सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रोजा रखा जाता है। इस दौरान खाने से लेकर पानी तक पीने की मनाही होती है। सूर्योदय से पहले लोग सहरी करते हैं। इस दौरान एनर्जी से भरपूर चीजों का सेवन किया जाता है।
रोज़ा रखना है ज़रूरी -
रमजान में मुस्लमानों का रोजा रखना ज़रूरी होता है. क्योंकि रोजा इस्लाम के पांच मूल स्तंभों में एक है. साथ ही इस पूरे महीने कुरान पढ़ने, अल्लाह की इबादत करने और दान देने की परंपरा भी है. ऐसी मान्यता है कि रमजान के पाक महीने में ही मुसलमानों की पवित्र किताब यानि कुरान, पैगंबर साहब पर नाजिल हुआ था. इस्लाम धर्म में वैसे तो रमजान के पूरे महीने रोजा रखा जाता है. लेकिन पहले दिन का रोजा खास होता है. क्योंकि माह-ए-रमजान का पहला रोजा संयम और सब्र की सीख देता है.
रमज़ान में क्या होता है महत्वपूर्ण
रमज़ान के महीने में रोज़ा रखना इस्लाम के पाँच स्तंभों या मुख्य प्रथाओं में से एक है, साथ ही आस्था, प्रार्थना, दान और मक्का की तीर्थयात्रा करना भी शामिल है।
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