रमज़ान 2025: माह-ए-रहमत की ख़बर किस के लिए लाया है तू

रमजान को नेकियों का मौसम भी कहा जाता है। इस महीने में मुस्लमान अल्लाह की इबादत ज्यादा करता है। अपने परमेश्वर को खुश करने के लिए इबादत के साथ, कुरआन परायण, दान धर्म करता है। यह महीना समाज के गरीब और जरूरतमंद बंदों के साथ हमदर्दी का है। इस साल 2025 में मार्च के महीने में 2 मार्च को रमजान का पहला रोज़ा रखा गया था और आज 7 मार्च को रमजान का छठवां रोजा है. आईये पढ़ते हैं इस पावन माह रमजान के लिए लिखे हुए कुछ अंश-
माह-ए-रहमत की ख़बर किस के लिए लाया है तू
कौन तेरा मुंतज़िर था किस लिए आया है तू
देखने होंगे ये दिन तू ने कभी सोचा न था
देख वो मंज़र जो इस से पेशतर देखा न था
अब किसी को आतिश-ए-दोज़ख़ का कोई डर नहीं
बारिश-ए-रहमत में भी दामन किसी का तर नहीं
जब ख़ुदा का डर नहीं तो फ़िक्र-ए-उक़्बा क्यूँ रहे
फ़ारिग़-उल-बाली में कोई भूका प्यासा क्यूँ रहे
देख ले इस दौर में हैं ऐसे रोज़े-दार भी
खाते हैं होटल में दिन भर करते हैं इफ़्तार भी
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