राहु-केतु गोचर कब, इन राशियों को मिलेगा छप्पर फाड़ धन

राहु-केतु एक क्रूर ग्रह है. इन ग्रहों के किसी राशि में होने का मतलब होता है, कि उस राशि वाले जातकों पर संकट का आना, ऐसा तब होता है जब राहु-केतु चाल बदलते हैं. लेकिन ऐसा ज़रूरी नहीं है कि राशियों पर सिर्फ संकट ही आता है, खुशियां भी मिलती है.आईये जानते हैं राहु-केतु का गोचर कब है, और किन राशियों पर इसका अच्छा और बुरा प्रभाव पड़ेगा. 

इस साल 2025 में राहु का गोचर 18 मई को होगा. इस दिन राहु कुंभ राशि में गोचर करेंगे. वहीं इसी दिन केतु सिंह राशि में प्रवेश करेंगे. राहु-केतु मायावी ग्रह हैं. इनका गोचर जीवन में उथल-पुथल मचा देता है, तो वहीं कुछ राशियों को छप्पर फाड़ धन मिलता है.

जिन राशि पर इसका बुरा या अशुभ प्रभाव चढ़ेगा उन में सिंह राशि है. इन राशि के जातकों को केतु के अशुभ प्रभाव के कारण सेहत संबंधी समस्याएं झेलनी पड़ सकती है. वो लक्ष्य से भटक सकते हैं. नौकरी में बदलाव करने की स्थिति भी आ सकती है.

तुला राशि के जातकों के उपर भी राहु मुसीबत खड़ी कर सकता है. इसके अशुभ प्रभाव के चलते वैवाहिक जीवन में तनाव के साथ मनमुटाव भी बढ़ सकता है.इसके अलावा अगर कोई काम पार्टनरशिप  में करना चाहते हैं या करने की सोच भी रहे हैं तो टाल दें अन्यथा भारी नुकसान हो सकता है.

मेष राशि के जातकों के लिए राहु का गोचर आपके एकादश भाव से होगा. इसके चलते  योजनाएं सफल होंगी. काम के सिलसिले में यात्रा सुखद रहेगी. शेयर मार्केट से अच्छा मुनाफा होगा.

बता दें कि राहु-केतु का गोचर के अशुभ परिणाम के कारण कार्यक्षेत्र में बहुत संघर्ष करना पड़ सकता है. जो लोग राजनीति में सक्रिय है वो किसी कानूनी मामले में उलझ सकते हैं. इसके अलावा उनकी निजी ज़िन्दगी में जीवनसाथी से रिश्तों में विवाद बढ़ सकता है. 

राहु-केतु के गोचर के दौरान करें ये काम- 
राहु-केतु के गोचर के दौरान, दान-पुण्य , मंत्र जाप , और भगवान शिव और  गणेश की पूजा करें। साथ ही, जीवन में संतुलन बनाए रखें और किसी भी अति से बचें. दान-पुण्य में  तांबे, लोहे, पीले वस्त्र, नारियल आदि का दान कर स्क्कते हैं . इस दौरान भगवान शिव और भगवान गणेश की पूजा से मानसिक शांति मिलती है और राहु-केतु के कष्टों से मुक्ति मिलती है. वहीं राहु को खुश करने के लिए काले तिल, सरसों का तेल, और नीले कपड़े दान करें. केतु को खुश करने के लिए नारियल, चावल, और सफेद कपड़े दान करें. इस दौरान किसी भी किसी भी अति से बचें और जीवन में संतुलित दृष्टिकोण रखें. 

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