कासगंज में चैत्र नवरात्रि: मां चामुंडा देवी मंदिर में भक्तों का सैलाब

कासगंज जनपद मुख्यालय पर स्थित प्राचीन मां चामुंडा देवी मंदिर नवरात्रि के अवसर पर भक्तों के लिए विशेष श्रद्धा और आस्था का केंद्र बना हुआ है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रम संवत 2082 के प्रथम दिन, मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना के साथ नवरात्रि का शुभारंभ हुआ।
चैत्र नवरात्रि, जिसे वसंत नवरात्रि भी कहा जाता है, नौ दिनों तक चलने वाला एक पवित्र हिंदू पर्व है, जो विशेष रूप से देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना के लिए समर्पित होता है। इस अवधि में भक्त उपवास रखते हैं, मां दुर्गा की पूजा करते हैं और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेते हैं। इस नवरात्रि का विशेष महत्व है क्योंकि यह भारतीय नववर्ष के आरंभ का भी प्रतीक होता है और इसे चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है।
चैत्र नवरात्रि में प्रत्येक दिन देवी दुर्गा के एक अलग रूप की पूजा की जाती है:
- पहला दिन - मां शैलपुत्री की पूजा
- दूसरा दिन - मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
- तीसरा दिन - मां चंद्रघंटा की पूजा
- चौथा दिन - मां कूष्मांडा की पूजा
- पांचवां दिन - मां स्कंदमाता की पूजा
- छठा दिन - मां कात्यायनी की पूजा
- सातवां दिन - मां कालरात्रि की पूजा
- आठवां दिन - मां महागौरी की पूजा
- नौवां दिन - मां सिद्धिदात्री की पूजा
कासगंज शहर के सोरों गेट स्थित 124 वर्ष पुराने इस मंदिर में हजारों श्रद्धालु दर्शन और पूजन के लिए उमड़ रहे हैं। भक्तगण जल अर्पण कर एवं माता के चरणों में शीश नवाकर अपनी मनोकामनाएं प्रकट कर रहे हैं। मान्यता है कि यहां की गई प्रार्थनाएं अवश्य पूरी होती हैं, इसलिए कासगंज सहित आसपास के जनपदों से श्रद्धालु यहां आते हैं।
मंदिर के पुजारी अनेक सिंह के अनुसार, 1901 में पीपल के वृक्ष की जड़ से मां चामुंडा के चरण प्रकट हुए थे, जिसके बाद इस मंदिर की स्थापना हुई। तब से लेकर आज तक यह स्थल भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।श्रद्धालुओं की सुविधा एवं सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। जिला अधिकारी मेधा रूपम और पुलिस अधीक्षक अंकिता शर्मा के निर्देशानुसार पुलिस बल तैनात किया गया है तथा बेरिकेडिंग लगाई गई है, ताकि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। नवरात्रि के शुभ अवसर पर यह मंदिर भक्तों के लिए शक्ति और भक्ति का अद्भुत संगम बना हुआ है।
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