नवरात्रि में व्रत रखने के पीछे धार्मिक और आध्यात्मिक कारण, जानें

आज 31 मार्च को चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है, आज मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप माता ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है. माता पार्वती ने हजारों वर्ष भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कड़ी तपस्या की थी. मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से व्यक्ति के सुख और समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए माता ब्रह्मचारिणी ने हजारों वर्षों तपस्या की थी, जिससे माता पार्वती का एक नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा. माता ब्रह्मचारिणी की पूजा से कुंडली का चंद्र दोष दूर होता है.
नवरात्रि में भक्त नौ दिन का व्रत रखकर मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा करते हैं. मान्यता है कि नवरात्रि में नौ दिन तक माता की पूजा करने से जीवन में सुख समृद्धि आती है और परेशानियां से छुटकारा मिलता है.नवरात्रि का व्रत व्रत केवल एक धार्मिक प्रथा नहीं है, बल्कि इसके पीछे ठोस वैज्ञानिक आधार भी हैं। यह शरीर को डिटॉक्स करता है, हृदय स्वास्थ्य को सुधारता है, इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है। इसलिए, सही तरीके से उपवास करना न सिर्फ आध्यात्मिक रूप से लाभकारी है, बल्कि यह शरीर और मन को भी स्वस्थ बनाए रखता है।
नवरात्रि में व्रत रखने के पीछे धार्मिक और आध्यात्मिक कारणों के अलावा वैज्ञानिक कारण भी हैं। जो शरीर को कई तरह से लाभ पहुंचता है.
आध्यात्मिक कारण
1. देवी दुर्गा की आराधना और शक्ति की प्राप्ति
- नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, जो भक्तों को शक्ति, ज्ञान और समृद्धि प्रदान करती हैं।
- व्रत (उपवास) के माध्यम से भक्त अपनी भक्ति को और अधिक गहरा बना सकते हैं और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त कर सकते हैं।
2. पवित्रता और आत्मशुद्धि
- उपवास करने से शारीरिक और मानसिक शुद्धि होती है।
- सात्विक भोजन जैसे फल, दूध, सूखे मेवे आदि खाने से शरीर की नकारात्मक ऊर्जाएं दूर होती हैं और मन पवित्र रहता है।
- नकारात्मक विचारों, बुरे कर्मों और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त होकर व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से उन्नत होता है।
3. आत्मसंयम और मन की एकाग्रता
- व्रत रखने से इच्छाओं और इंद्रियों पर नियंत्रण पाया जाता है, जिससे आत्मसंयम और मानसिक दृढ़ता बढ़ती है।
- भौतिक सुख-सुविधाओं से दूर रहकर मनुष्य अपने भीतर की दिव्यता को पहचानने और ईश्वर से जुड़ने का प्रयास करता है।
4. देवी से आशीर्वाद प्राप्त करने की साधना
- नवरात्रि में उपवास करना, माँ दुर्गा को प्रसन्न करने का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है।
- ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा से उपवास करता है, उसे देवी माँ की कृपा प्राप्त होती है और उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।
5. नवदुर्गा के प्रतीक रूप में आत्म-उन्नति
नवरात्रि में पूजी जाने वाली नौ देवियाँ जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती हैं-
- शैलपुत्री – मन की स्थिरता और दृढ़ संकल्प
- ब्रह्मचारिणी – तपस्या और संयम
- चंद्रघंटा – साहस और निडरता
- कूष्मांडा – सकारात्मकता और ऊर्जा
- स्कंदमाता – मातृत्व और प्रेम
- कात्यायनी – न्याय और शक्ति
- कालरात्रि – बुराइयों का नाश
- महागौरी – शुद्धता और दिव्यता
- सिद्धिदात्री – आध्यात्मिक सिद्धियां और मोक्ष
इन देवी स्वरूपों की पूजा करने से व्यक्ति अपने भीतर इन गुणों को जाग्रत कर सकता है।
वैज्ञानिक कारण
1. डिटॉक्सिफिकेशन (शरीर की सफाई)
- नवरात्रि वर्ष में दो बार आती है – वसंत और शरद ऋतु में। ये मौसम परिवर्तन के समय होते हैं, जब शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
- व्रत के दौरान हल्का और सात्त्विक भोजन लेने से शरीर के टॉक्सिन (विषैले तत्व) बाहर निकलते हैं और पाचन तंत्र को आराम मिलता है।
2. पाचन तंत्र को सुधारना
- सामान्य दिनों में तेल-मसालेदार और भारी भोजन से पाचन तंत्र पर दबाव पड़ता है।
- फल, साबुदाना, सिंघाड़े का आटा, और दूध जैसे हल्के आहार लेने से पाचन तंत्र मजबूत होता है।
3. इम्यूनिटी बढ़ाना
- उपवास करने से शरीर में खराब बैक्टीरिया और वायरस खत्म होते हैं।
- इस दौरान प्राकृतिक और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन (जैसे फल, मेवे, हरी सब्ज़ियाँ) लेने से इम्यून सिस्टम बेहतर होता है।
4. वजन नियंत्रण
- नवरात्रि के व्रत में कम कैलोरी और पौष्टिक भोजन लेने से शरीर का वजन नियंत्रित रहता है।
- यह इंटरमिटेंट फास्टिंग का एक रूप है, जो फैट बर्न करने में सहायक होता है।
5. मानसिक शांति और एकाग्रता
- हल्का और सात्विक भोजन लेने से मन शांत रहता है और एकाग्रता बढ़ती है।
- व्रत के दौरान ध्यान और मंत्र जाप करने से मानसिक तनाव कम होता है।
6. अनुशासन और आत्मनियंत्रण
- व्रत रखने से खाने की आदतों और दिनचर्या में अनुशासन आता है।
- यह आत्मसंयम और इच्छाशक्ति को मजबूत करने का एक अच्छा तरीका है।
नवरात्रि में व्रत रखने की परंपरा सिर्फ धार्मिक ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी बहुत लाभदायक है। यह शरीर को डिटॉक्स करता है, पाचन सुधारता है, इम्यूनिटी बढ़ाता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।
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