"हनुमान जयंती पर शाम को करें ये चमत्कारी उपाय"

"बजरंग बली" नाम का रहस्य बहुत दिलचस्प और आध्यात्मिक अर्थों से भरा हुआ है, और जैसा आपने कहा — कुछ बातें ऐसी हैं जो किताबों में शायद सीधे तौर पर न मिलें, लेकिन लोक-मान्यताओं और गूढ़ अर्थों में उनका ज़िक्र होता है।

बजरंग दो शब्दों से मिलकर बना है: 'वज्र': इंद्र देव का शस्त्र, जिसे सबसे कठोर और अटूट माना जाता है। 'अंग': शरीर, जिसका मतलब हुआ- जिसका शरीर वज्र के समान कठोर हो। हनुमान जी का शरीर वज्र से भी अधिक मजबूत माना जाता है, क्योंकि उन्हें वरदान प्राप्त था कि उनका शरीर न टूटे, न थके, न मरे।

आज बजरंग बली के जन्मोत्सव यानी हनुमान जयंती के दिन विशेष रूप से भक्तगण हनुमान जी की पूजा करते हैं. ऐसे में बजरंग बली के जन्मोत्सव की शाम को बहुत खास माना गया है क्योंकि ये समय होता है "संघर्ष से समाधान" की ऊर्जा को बुलाने का। हनुमान जी की शाम की आराधना में चमत्कारी परिणाम देखने को मिलते हैं  अगर वो सच्चे मन से, श्रद्धा से और विधि से की जाए।

आईये जानते हैं हनुमान जयंती की शाम को कौन से विशेष उपाय करें, जिससे आपके जीवन में शक्ति, शांति और समाधान का आगमन हो।

1. शाम को एक सरसों के तेल का दीपक लेकर पीपल के पेड़ के नीचे जलाएं। साथ में कहें-
“जय श्री राम के दूत बजरंग बली, संकट हरो, रक्षा करो।” इससे नकारात्मक ऊर्जा, भय, बाधाएं दूर होती हैं।

 2. हनुमान जी के सामने पांच दीपक लगाएं

घर के मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने 5 दीपक जलाएं:

एक उनके चरणों में, एक दाएं हाथ की ओर, एक बाएं हाथ की ओर, एक सामने, एक अपने नाम से पीछे की ओर. यह पंचदीप पंच तत्वों को संतुलित करता है और मनोकामना सिद्ध करता है।

3.शाम को स्नान करके, शुद्ध वस्त्र पहनकर बजरंग बाण का पाठ करें।पाठ करते समय मन में अपनी किसी एक विशेष समस्या का समाधान मांगें। यह बहुत तीव्र फलदायी माना जाता है, लेकिन श्रद्धा और नियम से किया जाए।

4. बंदरों को गुड़-चना या केले खिलाएं, हो सके  तो किसी बंदर को चना-गुड़ या केला खिलाएं। इससे हनुमान जी अति प्रसन्न होते हैं।

5. हनुमान जी को शाम को गुड़हल या लाल गुलाब का फूल अर्पण करें और साथ में बोलें “हे वीर बजरंगी, मेरी रक्षा करो, बल दो, बुद्धि दो।”

इसके अलावा एक गुप्त उपाय जो बहुत कम लोग जानते हैं-  "हनुमान जी की पूंछ में लाल धागा बांधकर मनोकामना कहें।" अगर मंदिर में मूर्ति हो, तो उनकी पूंछ के पास लाल मौली (कच्चा धागा) बांधें और धीरे से कहें —जैसे आपकी पूंछ से लंका जली, वैसे मेरे संकट भी भस्म हो जाएं।

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.