"सीता नवमी विशेष: व्रत करने की विधि, शुभ मुहूर्त, महत्व और उपाय"

सीता नवमी के दिन को माँ सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है और यह दिन विशेष रूप से स्त्रियों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है, खासकर सुखी दांपत्य जीवन की कामना रखने वालों के इस साल सीता नवमी सोमवार, 5 मई को मनाई जाएगी। यह पर्व माता सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है, जो वैषाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आता है।​ लिए। इस दिन कुछ खास उपाय किए जाएं तो वैवाहिक जीवन में प्रेम, शांति और समृद्धि बनी रहती है। आईये जानते हैं  सीता नवमी पर्व के पूजा और व्रत के शुभ मुहूर्त, महत्व और उपाय के बारे में- 

सीता नवमी का महत्व

सीता नवमी का पर्व माता सीता के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। हिन्दू धर्म में माता सीता को धरती की पुत्री और मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम की पत्नी माना गया है। उन्हें शक्ति, त्याग, और धैर्य की प्रतीक माना जाता है।

पूजा और व्रत के शुभ मुहूर्त:

नवमी तिथि प्रारंभ: 5 मई 2025 को सुबह 7:35 बजे

नवमी तिथि समाप्त: 6 मई 2025 को सुबह 8:38 बजे

मध्याह्न पूजा मुहूर्त: 5 मई को सुबह 10:58 बजे से दोपहर 1:38 बजे तक

मध्याह्न का शुभ क्षण: दोपहर 12:18 बजे ​

सीता नवमी का दिन स्त्रियाँ विशेष रूप से अपने वैवाहिक जीवन की सुख-शांति, पति की लंबी आयु, और संतान की मंगलकामना के लिए व्रत रखती हैं।  इस दिन विशेष रूप से विवाहित महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन की कामना से व्रत रखती हैं और माता सीता की पूजा करती हैं। माना जाता है कि इस दिन विधिपूर्वक व्रत और पूजा करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम, शांति और समृद्धि बनी रहती है।​

यहाँ कुछ सरल और प्रभावशाली उपाय दिए जा रहे हैं जो आप सीता नवमी के दिन कर सकते हैं:

 1. माता सीता-राम की पूजा करें
सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।

श्रीराम और माता सीता की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीप जलाएं।

फल-फूल, तुलसी, अक्षत, हल्दी-कुमकुम आदि से पूजन करें।

"ॐ श्री सीतारामाय नमः" मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।

 2. विवाहित स्त्रियाँ करें यह व्रत
इस दिन व्रत रखकर माता सीता की कथा सुनें या पढ़ें।

पति की लंबी उम्र और सुखमय जीवन के लिए प्रार्थना करें।

 3. सिंदूर अर्पण करें
माता सीता को सिंदूर अर्पित करें और उनके चरणों में चढ़ाएं।

फिर थोड़ी मात्रा में वह सिंदूर अपने मांग में लगाएं – इससे पति-पत्नी के बीच प्रेम बना रहता है।

 4. सीता माता को सुपारी चढ़ाएं
माता सीता को 5 सुपारी और 5 पान के पत्ते अर्पित करें।

यह उपाय विशेष रूप से पारिवारिक कलह को दूर करता है।

 5. पीपल के पेड़ की पूजा करें
पीपल को जल चढ़ाएं और उसके नीचे दीपक जलाकर "जय सीता राम" बोलें।

6. गाय को रोटी और गुड़ खिलाएं
यह बहुत ही पुण्यदायक कार्य माना गया है। इससे वैवाहिक जीवन में मिठास बनी रहती है।

7. बार परिक्रमा करें – इससे वैवाहिक जीवन में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं।

 

 

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