ज्येष्ठ मासिक शिवरात्रि 2025: व्रत, पूजा विधि और महत्व

ज्येष्ठ मास की मासिक शिवरात्रि 25 मई शनिवार के दिन मनाई जाएगी. हिंदू धर्म में यह पर्व भगवान शिव को समर्पित होता है। यह पर्व विशेष रूप से शिव भक्तों द्वारा उपवास, रात्रि जागरण और शिवलिंग की पूजा करके मनाया जाता है। यह व्रत करने से पापों का नाश, मानसिक शांति, और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
महिलाएं या लड़कियां अच्छे पति की प्राप्ति और सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं, जबकि पुरुष अपने जीवन में शक्ति, बुद्धि और सफलता के लिए व्रत रखते है। आइए जानते हैं इस दिन की पूजा का महत्व और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें.
मासिक शिवरात्रि क्या है?
- "शिवरात्रि" का अर्थ है "शिव की रात"। यह भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष रात्रि मानी जाती है। हर माह में एक बार शिवरात्रि आती है, जिसे "मासिक शिवरात्रि" कहते हैं।
- साल में केवल एक बार जो फाल्गुन मास में आती है, उसे "महाशिवरात्रि" कहते हैं — जो सबसे बड़ा शिवरात्रि पर्व होता है।
पंचांग अनुसार चतुर्दशी तिथि
ज्येष्ठ मास की मासिक शिवरात्रि इस बार 25 मई 2025, शनिवार को पड़ रही है. पंचांग अनुसार चतुर्दशी तिथि 25 मई, दोपहर 3:51 बजे से आरंभ होगी और 26 मई, दोपहर 12:11 बजे यह तिथि समाप्त होगी.
मासिक शिवरात्रि का महत्व:
- भगवान शिव की विशेष कृपा: इस दिन शिवलिंग का पूजन करने से भक्तों को भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- पापों का नाश: यह व्रत करने से पूर्व जन्मों और इस जन्म के पापों का क्षय होता है।
- मनोकामनाओं की पूर्ति: श्रद्धा और नियम से की गई पूजा से सभी मनोकामनाएँ पूरी होती हैं।
- सौभाग्य और सफलता: महिलाएं इस दिन व्रत रखकर अच्छे पति और अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं, जबकि पुरुष शक्ति, बुद्धि और सफलता की प्राप्ति हेतु यह व्रत करते हैं।
पूजा विधि और नियम:
- व्रत का संकल्प: सुबह स्नान करके शिव व्रत का संकल्प लें।
- शिवलिंग का पूजन: शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अभिषेक करें (श्रृंगार पंचामृत)।
- बेल पत्र और धतूरा अर्पित करें: ये शिवजी के प्रिय माने जाते हैं।
- रात्रि जागरण और भजन-कीर्तन: पूरी रात भगवान शिव का नाम जपना और जागरण करना पुण्यदायक होता है।
- उपवास: दिनभर उपवास रखें और अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत पूर्ण करें।
महिलाओं के लिए विशेष लाभ:
- कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए व्रत करती हैं।
- विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घायु और सुखी दांपत्य जीवन के लिए इस व्रत को करती हैं।
महत्वपूर्ण तिथि:
- मासिक शिवरात्रि तिथि: 25 मई 2025 (शनिवार)
- चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 25 मई, सुबह
- चतुर्दशी तिथि समाप्त: 26 मई, सुबह
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