"कांवड़ यात्रा 2025 की शुरुआत और शिव कृपा पाने के खास मंत्र"

कांवड़ यात्रा 2025 की आधिकारिक शुरुआत श्रावण मास के पहले दिन यानी 11 जुलाई 2025 से हो रही है। यह यात्रा 23 जुलाई 2025 को सावन शिवरात्रि पर समाप्त होगी। कांवड़ यात्रा के दौरान शिवभक्त शिवजी को प्रसन्न करने और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विशेष मंत्रों का जाप करते हैं। इन मंत्रों का जाप श्रद्धा और विश्वास के साथ किया जाए तो भगवान शिव की कृपा अवश्य प्राप्त होती है।
यहाँ कुछ प्रमुख शिव मंत्र दिए गए हैं, जिनका जाप कांवड़ यात्रा के दौरान किया जा सकता है:
1. महामृत्युंजय मंत्र
यह मंत्र शिवजी के सबसे शक्तिशाली और प्रसिद्ध मंत्रों में से एक है।
मंत्र:ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
इस मंत्र को प्रतिदिन सुबह-शाम कम से कम 11, 21 या 108 बार जाप करें। शांत स्थान पर बैठकर, ध्यानपूर्वक जाप करें।ऐसा करने से मृत्यु भय से मुक्ति, रोगों से रक्षा, और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलेगा ।
2. ॐ नमः शिवाय
यह पंचाक्षरी मंत्र शिवजी का मूल बीज मंत्र है।
मंत्र:ॐ नमः शिवाय
रुद्राक्ष की माला से 108 बार जाप करें। चलते समय, कांवड़ उठाते समय, या गंगाजल भरते समय इस मंत्र का निरंतर जप करें। ऐसा करने से मन की शुद्धि, कर्मों का शोधन, और मनोकामना पूर्ति।
3. शिव गायत्री मंत्र
यह मंत्र विशेष रूप से शिव की कृपा पाने के लिए उपयोगी है।
मंत्र:ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि,
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
इस मंत्र का जाप करने से आत्मिक बल, मानसिक शांति, और शिव तत्व की अनुभूति होती है।
4. रुद्राष्टक स्तोत्र (संकल्प पूर्वक)
अगर आपके पास समय और एकाग्रता हो, तो पूरा रुद्राष्टक पाठ भी अत्यंत फलदायक होता है।
प्रारंभ की पंक्तियाँ:
नमामीशमीशान निर्वाण रूपं,
विभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपम्।
इस मंत्र का जाप करने से शिव तत्त्व से सीधा संबंध और कृपा प्राप्त होती है।
जाप करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
शुद्धता और संयम बनाए रखें।मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहें।
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय “ॐ नमः शिवाय” का उच्चारण करें।
नंगे पाँव यात्रा करें और नदियों के जल से अभिषेक करें।
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