शनि वक्री 2025 विशेष: राशियों के लिए चेतावनी और समाधान

शनि वक्री क्या है?

जब शनि ग्रह वक्री होता है, तो वह पृथ्वी से देखने पर उल्टी दिशा में चलता हुआ प्रतीत होता है। यह खगोलीय घटना लगभग हर साल होती है और इसका ज्योतिषीय महत्व बहुत गहरा माना जाता है। वर्ष 2025 में शनि मीन राशि में 138 दिनों तक वक्री रहेगा, जो सभी 12 राशियों पर अलग-अलग असर डालेगा। आईये जानते हैं उन  प्रभाव और उपाय के बारे में: 

1. मेष:
आर्थिक मामलों में रुकावटें आ सकती हैं। पुराने रोग या मानसिक तनाव बढ़ सकता है।
उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ करें और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

2. वृषभ:
प्रेम संबंधों में दरार आ सकती है। नौकरी में प्रमोशन में देरी हो सकती है।
उपाय: शनि को काले तिल और उड़द चढ़ाएं।

3. मिथुन:
पारिवारिक जीवन में तनाव, माता-पिता की सेहत प्रभावित हो सकती है।
उपाय: पीपल के पेड़ पर जल अर्पण करें।

4. कर्क:
यात्राएं बाधित हो सकती हैं, भाई-बहनों से मतभेद संभव।
उपाय: गरीबों को काले वस्त्र और अन्न दान करें।

5. सिंह:
आर्थिक हानि, निवेश में सतर्क रहें। अहंकार से नुकसान संभव।
उपाय: शनि स्तोत्र का पाठ करें, शनि वार को व्रत रखें।

6. कन्या:
निजी जीवन में कठिनाइयाँ, वैवाहिक जीवन में उतार-चढ़ाव।
उपाय: लोहे का छल्ला मध्यमा अंगुली में पहनें (शुभ मुहूर्त में)।

7. तुला:
स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही न करें, खर्च बढ़ेगा।
उपाय: शनिवार को काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।

8. वृश्चिक:
प्रेम और संतान पक्ष में तनाव, कार्यक्षेत्र में रुकावटें।
उपाय: शनिदेव के मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का जाप करें।

9. धनु:
घर में कलह, कार्यस्थल पर प्रतिस्पर्धा में कठिनाई।
उपाय: काले घोड़े की नाल से बना छल्ला पहनें।

10. मकर:
यह शनि की मूल राशि है – सोच-समझकर निर्णय लें। मानसिक तनाव से बचें।
उपाय: शनिवार को झाड़ू या काले जूते दान करें।

11. कुंभ:
स्वभाव चिड़चिड़ा हो सकता है, वाणी पर संयम रखें।
उपाय: तेल से तिलक करें और शनि मंदिर में दर्शन करें।

12. मीन:
शनि आपकी राशि में वक्री हैं – सबसे अधिक असर आपके जीवन में महसूस होगा।
नकारात्मक विचार, अकेलापन, भ्रम या असुरक्षा की भावना आ सकती है।
उपाय: नीलम रत्न धारण से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लें। शनिदेव का अभिषेक करें।

सामान्य उपाय वक्री शनि के लिए:

  • शनिवार को पीपल के पेड़ पर दीपक जलाएं।
  • जरूरतमंदों को कंबल या काले वस्त्र दान करें।
  • शनि मंत्र का जप करें: ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
  • हर शनिवार “शनि चालीसा” या “दशरथ कृत शनि स्तोत्र” का पाठ करें।
  • तिल, तेल, लोहे, काले तिल और उड़द का दान करें।

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