"संस्कारों की बारिश: सावन में बच्चों को कराएं धर्म से जुड़ाव"

सावन का महीना भारतीय संस्कृति में बहुत पवित्र माना जाता है। यह समय न केवल पूजा-पाठ और व्रत का होता है, बल्कि बच्चों को धर्म और संस्कार सिखाने का भी उत्तम अवसर होता है। यदि आप चाहते हैं कि बच्चे हमारे धार्मिक मूल्यों और परंपराओं को समझें, तो सावन के दौरान उन्हें कुछ खास गतिविधियों में शामिल करें। यहाँ कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं:
बच्चों को सावन में सिखाने योग्य धर्म और संस्कार
1. भगवान शिव की पूजा करना सिखाएं
- बच्चों को शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, दूध चढ़ाने का महत्व बताएं।
- उन्हें मंत्रों का उच्चारण करना सिखाएं जैसे "ॐ नमः शिवाय"।
2. कहानी सुनाना और सुनना
- बच्चों को सावन से जुड़ी धार्मिक कहानियाँ सुनाएं जैसे:
- समुद्र मंथन
- शिव और पार्वती की कथा
- सावन में कांवड़ यात्रा का महत्व
3. भजन और कीर्तन में शामिल करें
- घर में रोज शाम को भजन या शिव आरती करवाएं और बच्चों को उसमें भाग लेने दें।
- उन्हें तालियां बजाना, आरती करना सिखाएं।
4. उपवास या सात्विक भोजन का महत्व बताएं
- बच्चों को बताएं कि सावन में सात्विक भोजन क्यों किया जाता है।
- फलाहार या हल्का भोजन जैसे खिचड़ी, फल आदि देने से वे भी भावना समझेंगे।
5. प्रकृति और पर्यावरण से जोड़ें
- बच्चों के साथ पेड़ लगाएं और बताएं कि भगवान शिव को प्रकृति प्रिय है।
- बेलपत्र, तुलसी, और रुद्राक्ष पेड़ का महत्व समझाएं।
6. राखी और भाई-बहन के रिश्ते को समझाएं
सावन में रक्षाबंधन आता है, इस पर्व के पीछे की भावना—रक्षा, प्रेम और कर्तव्य—बच्चों को समझाएं।
7. श्लोक और संस्कृत वाक्य सिखाएं
रोज एक छोटा सा श्लोक या मंत्र याद कराएं, जैसे:
- "कराग्रे वसते लक्ष्मीः…"
- "ॐ भूर्भुवः स्वः…" (गायत्री मंत्र)
8. कला और क्राफ्ट से जोड़ें
- भगवान शिव की चित्रकला बनवाएं।
- रुद्राक्ष की माला, बेलपत्र से क्राफ्ट जैसी गतिविधियाँ करवाएं।
सावधानी और प्रेरणा
- सिखाने के दौरान जबरदस्ती न करें। बच्चों में जिज्ञासा जगाएं और उन्हें उदाहरणों से प्रेरित करें।
- स्वयं भी आचरण में वह बातें अपनाएं जो आप सिखाना चाहते हैं।
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