साढ़े साती और ढैय्या से राहत के लिए शनिवार को करें ये 10 उपाय , शनि देव के विशेष उपाय

शनिदेव को न्याय का देवता और कर्मफलदाता कहा जाता है। शनि की साढ़े साती, ढैय्या और महादशा व्यक्ति के जीवन में संघर्ष, अड़चनें और मानसिक तनाव ला सकती है। मगर ज्योतिष शास्त्र में ऐसे अचूक उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से शनिदेव शीघ्र प्रसन्न होकर अपने कुप्रभाव को शुभ फल में बदल सकते हैं।

अगर आप भी शनि की कुप्रभावों से परेशान हैं तो ये 10 अचूक उपाय जरूर करें और जीवन में सकारात्मक बदलाव देखें।

1. शनिवार व्रत और शनि पूजा करें
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार का व्रत करें। इस दिन सुबह स्नान करके शनि मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का जाप करें। शनि चालीसा पढ़ना भी विशेष फलदायक होता है।

2. पीपल और बरगद के वृक्ष की पूजा करें
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाकर सात परिक्रमा करें। यह शनि के अशुभ प्रभावों को शांत करता है। साथ ही बरगद के वृक्ष की पूजा करने से भी लाभ मिलता है।

3. काले तिल और काले वस्त्रों का दान करें
शनिवार को काले तिल, काले कपड़े, कंबल, लोहे के बर्तन और छाता का दान करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या का असर कम होता है। विशेषकर गरीब, जरूरतमंद और विकलांगों को दान करने से तुरंत लाभ मिलता है।

4. शनिदेव को तेल अर्पण करें (तैलाभिषेक)
शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाने की परंपरा अत्यंत प्रभावी मानी जाती है। शनि शिला पर तेल अर्पण करने से शनि दोषों की शांति होती है और जीवन में स्थिरता आती है।

5. गरीबों और श्रमिकों की सेवा करें
शनि को श्रमिकों, मजदूरों और असहायों का कारक माना जाता है। यदि आप इन वर्गों की सेवा करेंगे, भोजन कराएंगे या आर्थिक मदद करेंगे तो शनिदेव अत्यंत प्रसन्न होते हैं।

6. हनुमान जी की आराधना करें
हनुमान जी को शनि देव का संकटमोचक कहा गया है। शनिवार और मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें, उन्हें सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं। हनुमान जी की कृपा से शनि के दुष्प्रभाव शांत हो जाते हैं।

7. नीलम या काले हकीक रत्न धारण करें (कुंडली जांच के बाद)
ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेकर नीलम (Blue Sapphire) या काले हकीक रत्न धारण करना शनि दोष निवारण में सहायक होता है। ध्यान रखें कि रत्न धारण करने से पहले कुंडली जांच अवश्य कराएं।

8. शनि यंत्र की स्थापना करें
घर या कार्यस्थल में शनि यंत्र स्थापित कर विधिपूर्वक पूजन करने से भी शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। यह उपाय विशेष रूप से व्यापारिक समस्याओं और मानसिक तनाव को दूर करता है।

9. दत्तात्रेय स्तोत्र और नवग्रह शांति पाठ करें
शनिदेव के कुप्रभावों को दूर करने के लिए दत्तात्रेय स्तोत्र, नवग्रह शांति पाठ और शनि स्तोत्र का नियमित पाठ करें। इससे मानसिक शांति और ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।

10. शनिवार को विशेष दान करें
शनिवार के दिन विशेष रूप से काले उड़द, काले जूते, लोहे की वस्तुएं, सरसों का तेल, नीले फूल, और छाता का दान करें। इससे साढ़े साती, ढैय्या और शनि महादशा के दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं।

महत्वपूर्ण सावधानियां:

  • आलस्य, झूठ, और छल-कपट से दूर रहें।
  • माता-पिता और गुरुजनों का आदर करें।
  • क्रोध और अहंकार पर नियंत्रण रखें।
  • संयमित और परिश्रमी जीवनशैली अपनाएं।

निष्कर्ष:
शनि देव न्यायप्रिय और कर्मफलदाता हैं। यदि आप अपने कर्मों में सुधार करते हैं और इन उपायों को श्रद्धा और नियम से अपनाते हैं तो शनि की साढ़े साती, ढैय्या और महादशा के प्रभाव में अवश्य ही कमी आएगी। शनिदेव की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आएगी।

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