मासिक जन्माष्टमी दिसंबर 2025: तिथि, महत्व, पूजा विधि और व्रत कथा
हिंदू धर्म में भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े व्रत-पर्वों का विशेष महत्व है। आमतौर पर लोग कृष्ण जन्माष्टमी के बारे में जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि जन्माष्टमी दो प्रकार की होती है— कृष्ण जन्माष्टमी और मासिक जन्माष्टमी।
कृष्ण जन्माष्टमी वर्ष में एक बार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है, जबकि मासिक जन्माष्टमी हर महीने आती है। यही कारण है कि श्रद्धालु इस व्रत को नियमित रूप से रखकर श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त करते हैं।
मासिक जन्माष्टमी और कृष्ण जन्माष्टमी में अंतर
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और लड्डू गोपाल की पूजा करते हैं।
वहीं भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को पड़ने वाली जन्माष्टमी को कृष्ण जन्माष्टमी या कृष्ण जयंती कहा जाता है, जिसे पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है।
दिसंबर 2025 में मासिक जन्माष्टमी कब है?
दिसंबर 2025 में मासिक जन्माष्टमी 11 दिसंबर, गुरुवार को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सच्चे मन से श्रीकृष्ण की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, पापों का नाश होता है और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मासिक जन्माष्टमी का धार्मिक महत्व
मासिक जन्माष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण की मासिक जयंती के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से—
- जीवन के कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं
- संतान सुख और पारिवारिक खुशहाली मिलती है
- आर्थिक समस्याओं से राहत मिलती है
- भक्तों पर श्रीकृष्ण की विशेष कृपा बनी रहती है
मासिक जन्माष्टमी की पूजा विधि
मासिक जन्माष्टमी के दिन पूजा विधि इस प्रकार करनी चाहिए—
- प्रातःकाल स्नान करके घर और पूजा स्थल की साफ-सफाई करें।
- लड्डू गोपाल या बाल गोपाल की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं।
- भगवान को सुंदर वस्त्र, मुकुट, मोरपंख, बांसुरी आदि अर्पित करें।
- धूप-दीप जलाकर विधिवत पूजा करें।
- पूजा के दौरान “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
- अंत में भगवान को माखन, मिश्री और फल का भोग लगाएं।
- व्रती व्यक्ति दिनभर संयम रखें और रात्रि में आरती के बाद व्रत खोलें।
मासिक जन्माष्टमी व्रत कथा (संक्षेप)
धार्मिक कथाओं के अनुसार, जो भक्त नियमित रूप से मासिक जन्माष्टमी का व्रत करता है, उसके जीवन से दुख-कष्ट समाप्त हो जाते हैं। कहा जाता है कि एक निर्धन ब्राह्मण ने सच्चे मन से यह व्रत रखा, जिसके फलस्वरूप उसकी दरिद्रता दूर हो गई और जीवन में सुख-समृद्धि आई। यह कथा बताती है कि श्रद्धा और विश्वास के साथ किया गया व्रत कभी निष्फल नहीं जाता।
मासिक जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण की कृपा पाने का एक सरल और प्रभावशाली माध्यम है। दिसंबर 2025 में 11 दिसंबर को पड़ने वाली मासिक जन्माष्टमी पर यदि विधि-विधान से पूजा और व्रत किया जाए, तो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
जो श्रद्धालु कृष्ण जन्माष्टमी का पूरे वर्ष इंतजार नहीं कर पाते, उनके लिए मासिक जन्माष्टमी एक उत्तम अवसर है श्रीकृष्ण से जुड़ने का।

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