किसी ने नहीं खोली जुबान कि पुराने न्यायालय भवन का होगा क्या -शिव सिंह एडवोकेट

रेवा : अधिवक्ता शिव सिंह ने कहा कि उन्होंने नवीन न्यायालय भवन के उद्घाटन का लाइव प्रसारण देखा तथा सभी माननीय अतिथियों के उद्बोधन भी सुने लगभग सभी ने अपने उद्बोधन में रीवा रियासत के महाराजा विश्वनाथ प्रताप सिंह के सन 1827 के न्यायिक व्यवस्था की स्थापना को रीवा में न्याय व्यवस्था के इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम बताया तथा विंध्य प्रदेश के गठन के बाद दिनांक 1 सितंबर 1948 को स्थापित हाई कोर्ट का भी जिक्र किया जहां वर्तमान में पुराना न्यायालय भवन संचालित है जिसको यथावत स्थान पर ही नवनिर्मित किए जाने कई वर्षों तक कुछ अधिवक्ता एवं समाजसेवी आवाज उठाते रहे उस समय कुछ ऐसे भी अधिवक्ता थे जो समय-समय पर पुराने वर्तमान न्यायालय भवन की भूमि पर उच्च न्यायालय की नवीन बेंच के स्थापना की आवाज उठाकर अधिवक्ताओं को दिग्भ्रमित करते रहे यह तब स्पष्ट हुआ कि आज जब मैंने उन सदस्यों को कुछ क्षणों के लिए उस मंच तक पहुंचते देखा जिस मंच में देश एवं प्रदेश की न्यायपालिका के प्रमुख तथा प्रदेश सरकार के मुखिया मौजूद थे किसी अधिवक्ता सदस्य ने यह आवाज नहीं उठाई कि साहब राजघराने से चली आ रही न्यायपालिका की पुरानी विरासत को स्थानीय नेता की नजरों से बचा लीजिए हमें हाई कोर्ट की नवीन बेंच दे दीजिए सोचता ही रह गया कि किसी ने जुबान तक नहीं खोली मेरा नवीन न्यायालय भवन बनाए जाने से विरोध नहीं था मेरा तो अंतिम तक यही कहना था कि पुराने न्यायालय भवन की भूमि पर ही नवीन न्यायालय भवन की स्थापना कराई जाए खैर आप सबकी कृपा से ऐसा नहीं हो पाया सभी को नए भवन के सौगात की बहुत-बहुत बधाई शुभकामनाएं।
रिपोर्टर : अर्जुन तिवारी
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