युद्ध सदैव विनाशकारी होते हैं पर उनके निर्णय

रेवा : खबर मध्यप्रदेश के रीवा के जवा तहसील से है जहां हिंदु युवा संगठन के युवा नेता व समाजसेवी अजीत तिवारी ने भारत पाक के बीच चल रहे युद्ध के विराम को लेकर मीडिया से चर्चा में कहा कि वर्तमान संघर्ष मे अमेरिका की भूमिका सकारात्मक नहीं है,पहले उन्होंने कश्मीर मे धर्म पूंछ कर हत्याओं के प्रति नाराजगी जताई और भारत को सही ठहराया फिर उनकी कार्यवाही मे बदलाव दिखने लगे कल जनरल असीम से बात की जब राजनैतिक स्तर पर बातें होती हैं वहाँ सेना प्रमुख की भूमिका नगण्ड्य हो जाती है,आखिर वह भी एक उच्च पदाधिकारी ही तो हैं राजनैतिक सत्ता के द्वारा नियुक्त,माना पाकिस्तान मे स्थिति एकदम अलग है फिर भी संकेत तो है ये अमेरिकी मंशा का कल ही IMF ने पाकिस्तान को भारी सहायता की घोषणा की।अब तक टाल मटोल कर पाकिस्तान की ढेरों कमियां बताती आई यह संस्था अचानक इस युद्ध काल मे ही इतनी जल्दी कृपालु क्यों हुई पाकिस्तान पर? वहाँ अचानक ऐसा क्या बदलाव आ गया जो उसमे क्षमता, योग्यता आ गई इतना बड़ा ऋण पाने की? भारत को सक्रिय प्रतिरोध करना था पर वह अलग हट गया और काम आसान हो गया। इस संस्था को अधिकतम धन अमेरिका ही देता है ऋण बाँटने के लिए गरीब देशों को इस युद्ध का कारण भारत नहीं पाकिस्तान था जिसने उकसावे की कार्यवाही की हत्याएं करवाईं,फिर केवल आतंकी ठिकानो पर सीमित हमले का पूरे भारत पर आक्रमण कर युद्ध छेड़ने की गुस्ताखी की युद्धविराम से क्या सबक मिला उसे, दण्ड क्या? थोड़ी टूट फूट हुई, हाय तौबा,मीडिया हाइप,कुछ ड्रोन, दो चार हवाई जहाज,कुछ मिसाइलें और कुछ जवान जाया हुए बस।पाकिस्तान के सैन्य बलों के लिए बड़ी बात नहीं यह,वहाँ अफगानों, बलूँचो से रोज ऐसी झड़पे होनी आम हैं,आप कह सकते हैं हमने नुकसान किया पाक का,हमारी ताकत दिखाई, भीतर घुसकर मारा पर क्या हमारा युद्ध बंदी लौटाया उन्होंने,माफ़ी मांगी, आगे से यह आतंकी भेजनें बंद करने की शर्त स्वीकारी,नहीं न? हमने हासिल नहीं किया कुछ और अमेरिका ने फिर पुरानी हरकत दोहराई अपने मुखिया बने रहने की,दबाव डाल संघर्ष रोकने की, ठीक हुआ युद्ध कोई चाहता नहीं पर हमारे टार्गेट तो पूरे होते,औपचारिक भूल स्वीकार, आश्वासन,कुछ आना तो था पाकिस्तान की ओर से, एक दागा हुआ एक कारतूस अपने मन की कर गया, हमें लाचारी मे मुँह बंद किए रहने की गप्पें छोड़ने के लिए,दुनिया मे आज कोई भी देश परमाणु युद्ध का खतरा मोल नहीं ले सकता अमेरिका,रूस भी,चीन भी, पाकिस्तान क्या चीज है??दुनिया उसे किसी हाल मे ऐसा करने ही न देगी, प्रश्न दुनिया भर का है किसी एक दो देशो का नहीं।इस लिए यह धमकी बड़बोलेपन से अधिक कुछ नहीं, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का निर्णय अपने में कुछ सकारात्मक समेटे होगा यह उम्मीद करनी चाहिए और यह भी कि बार बार हमें निर्दोषों के शवों पर से गुजर कर ऐसे युद्ध विरामो का सम्मान करना पड़े,देश बार बार इस तरह नहीं जागा करता।
रिपोर्टर : अर्जुन तिवारी
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