LANGUAGE

परिवहन विभाग एवं खनिज विभाग के संरक्षण में फल फूल रहा अवैध खनिज निकासी एवं ओभरलोड का कारोबार

रेवा : समय से पहले नौबस्ता क्षेत्र में बनी प्रधानमंत्री सड़कें गढ्ढों में हो रही तब्दील वहीं सड़क में गिट्टी गिरने से आए दिन दोपहिया वाहन चालक हो रहे चोंटिल।रीवा जिले के बनकुइयां सर्किल में सैकड़ों की संख्या में स्टोन क्रेशर संचालित हैं जिनमें से लगभग दो दर्जन स्टोन क्रेशर एनजीटी के चंगुल में फंसे होने से वर्षों से बंद चल रहे हैं लेकिन आधा सैकड़ा के लगभग क्रेशर संचालित है जिनमें से अधिकांश की अपनी खनिज लीज नहीं है जो स्टोन क्रेशर संचालन का नियम है उनका पालन कोई भी स्टोन क्रेशर संचालक परिपालन नहीं कर रहे जिम्मेदार विभाग के अधिकारी अवैध कारोबार को संरक्षण दे रहे हैं।भारतीय संविधान में जो कानून बने हैं वह सभी के लिए एक हैं लेकिन खनिज विभाग ,पर्यावरण प्रदूषण,हरित क्रांति के जो नियम है वह राजनैतिक रसूल वालों के लिए अलग है जो अवैध कमाई कर बेनामी संपत्ति जमा नहीं कर पाया आर्थिक रूप से कमजोर है उसके लिए वह काफी प्रभावी है,इसी का परिणाम है कि शासन द्वारा खनिज विभाग को दिए गए राजस्व वसूली का टारगेट वर्ष भर में पूर्ण नहीं हो पाता,खनिज विभाग के अधिकारी और खनिज माफिया एक दूसरे से सांठ-गांठ कर शासन के राजस्व रॉयल्टी को चूना लगा रहे हैं। 

रीवा जिले के बनकुइयां सर्किल के बैजनाथ ,खम्हरिया,भोलगढ़,कौआढान,हिनौती,नरौरा,छिजवार, कचूर, सुमेदा, सकरवट, बनकुइयां , दादर आदि दर्जनों गांवों में सैकड़ो की संख्या में स्टोन क्रेशर संचालित है , जिनमें से अधिकांश क्रेशर संचालकों के पास अपनी खुद की लीज नहीं है जिसकी लीज है भी वे लोग नाम मात्र का खनिज पत्थर अपने लीज एरिया से निकालते हैं अधिकांश खनिज पत्थर सीमेंट कंपनी के खदानों से या शासकीय भूमियों से भारी भरकम ब्लास्टिंग कर पत्थर निकाल कर गिट्टी बना रहे हैं ,ब्लास्टिंग से उड़ने वाला पत्थर घर के आंगन तक आता है जिससे ग्रामीण हमेशा दहशत में रहते हैं जिसकी शिकायत पुलिस थाने से लेकर उच्च अधिकारियों तक की गई लेकिन आज तक कुछ भी कार्यवाही नहीं हुई।इतना ही नहीं जिन बाइस स्टोन क्रेशरों के विरुद्ध हरित क्रांति ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की गई उन स्टोन क्रेशरों को प्रशासन ने सील कर दिया लेकिन जिन स्टोन क्रेशरों के विरुद्ध जनहित याचिका दायर नहीं की गई वे स्टोन क्रेशर खुले आम सभी नियम कानून कायदों की धज्जियां उड़ा रहे हैं । न तो पेड़ पौधे लगे हैं,न बाउंड्री वॉल बनी है ,न डस्ट कंट्रोलर छन्ना लगा,ना ही हापड़ में जाने वाले पत्थर में पानी का छिड़काव किया जाता। जो भी क्रायटेरिया स्टोन क्रेशर संचालक का है उसे नाम मात्र भी लागू नहीं कर रहे वहीं ओवरलोड गिट्टी परिवहन करने से नौबस्ता क्षेत्र में बनी प्रधानमंत्री सड़के समय से पहले गढ्ढों में तब्दील तो हो ही रही हैं वहीं गिट्टी जगह-जगह रोड में गिरने से आए दिन दोपहिया वाहन चालक फिसल कर चोटिल हो रहे हैं। इस तरह के अवैध कृत्यों में खनिज विभाग ,परिवहन विभाग ,पर्यावरण प्रदूषण विभाग, पुलिस विभाग,जिला प्रशासन सभी जिम्मेदार विभाग के अधिकारी अपने-अपने स्वार्थों की पूर्ति कर अवैध कारोबार को संरक्षण व बढ़ावा देते हैं यही कारण है कि खनिज माफिया के हौसले बुलंद हैं। 
 रीवा जिले के बनकुइयां सर्किल के खनिज माफियाओं का मामला सेमरिया विधायक द्वारा विधानसभा में भी उठाया गया था लेकिन उसके बाद भी शासन में बैठे मंत्रियों के संरक्षण में जिन खनिज माफियाओं के स्टोन क्रेशर संचालित है उनके क्रेशरों तक निरीक्षण करने किसी भी विभाग के अधिकारी नहीं जाते,संबंधित विभाग के अधिकारी स्वयं कह देते हैं कि संबंधित स्टोन क्रेशर मंत्री जी के आदमी का है इसलिए उनके विरुद्ध कोई भी कार्यवाही नहीं की जा सकती  स्थानीय समाजसेवी अनिरुद्ध शुक्ला, रमापति दुबे, अविनाथ सिंह तिवारी ,मनकामना दुबे ,आदित्य सिंह ,रामनरेश शर्मा,राम विलोचन शर्मा आदि लोगों ने अवैध खनिज कारोबार पर अंकुश लगाकर आम नागरिकों का जीवन सुरक्षित करने की मांग की है।

रिपोर्टर : अर्जुन तिवारी

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.